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देवघर में आंगनबाड़ी सेविकाओं व गर्भवती महिलाओं से ठगी, प्रोत्साहन राशि पर है ठगों की नजर

देवघर में अब साइबर ठग आंगनबाड़ी सेविकाओं व गर्भवती महिलाओं को पदाधिकारी बनकर कॉल कर रहे हैं. अब तक वे दर्जनों से लाखों की ठगी कर चुके हैं. ठगी की शिकार सेविका समेत कई गर्भवती महिलाएं बाल विकास परियोजना कार्यालय, निगम व साइबर थाना में शिकायत दे चुकी हैं, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 3, 2023 9:37 AM
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Cyber Fraud in Deoghar: साइबर ठगी के मामले में सरकारी कर्मी व सरकारी लाभुक अपराधियों के सॉफ्ट टारगेट में हैं. आये दिन ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें वरीय पदाधिकारी बनकर आंगनबाड़ी सेविकाओं व गर्भवती महिलाओं को साइबर अपराधी कॉल कर एकाउंट संबंधी जानकारी लेने के बाद ठगी कर लेते हैं. मामले को लेकर करीब 30 आंगनबाड़ी सेविकाओं व गर्भवती महिलाओं ने अपनी-अपनी शिकायत देवघर साइबर थाने में देकर कार्रवाई की मांग की है. हालांकि किसी के भी मामले में साइबर थाने द्वारा प्राथमिकी की कार्रवाई अब तक नहीं की गयी है. पीड़ितों को साइबर थाना द्वारा बताया जाता है कि उनलोगों के मामले में जांच पड़ताल जारी है.

बीएलओ को झांसे में लेकर ले लेते हैं जानकारी

बीएलओ कार्य करने वाली आंगनबाड़ी सेविकाओं को साइबर अपराधी चुनाव अधिकारी व वरीय अधिकारी बनकर कॉल करते हैं. उनलोगों से मतदाता सूची संबंधी पूछताछ के बाद झांसे में लेकर संबंधित कर्मियों के मोबाइल पर एनीडेस्क व रस्कडेस्क आदि एप डाउनलोड कराकर एकाउंट से पैसे उड़ा ले रहे हैं. पैसे भेजने का झांसा देकर एकाउंट संबंधी जानकारी लेने के बाद साइबर अपराधी रुपये उनलोगों के खाते से अपने पेटीएम, फोन-पे आदि में ट्रांसफर भी कर लेते हैं.

प्रोत्साहन राशि में भी सेंधमारी

वहीं गर्भवती महिलाओं को प्रोत्साहन राशि देने के नाम पर पदाधिकारी या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बनकर साइबर अपराधी कॉल करते हैं और उनलोगों से एकाउंट संबंधी जानकारी लेने के बाद रुपये उड़ा ले रहे हैं या उनलोगों के एकाउंट के रुपयों से ऑनलाइन खरीदारी भी कर ले रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक 30 आंगनबाड़ी सेविकाओं समेत गर्भवती महिलाओं ने अपनी-अपनी शिकायत देवघर साइबर थाने में दे रखी है. इनलागों के एकाउंट से करीब डेढ़ से दो लाख रुपये साइबर अपराधियों द्वारा उड़ाया गया है. अलग-अलग सेविकाओं व गर्भवती महिलाओं के एकाउंट से साइबर अपराधियों ने तीन हजार से लेकर करीब 50 हजार रुपये तक उड़ाये हैं.

केस स्टडी-1

एक गर्भवती महिला ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें साइबर अपराधी ने करीब एक सप्ताह पूर्व अधिकारी बनकर कॉल किया. एकाउंट संबंधी जानकारी लेने के बाद 4350 रुपये ट्रांसफर कर लिया. यह जानकारी उसने अपने इलाके की आंगनबाड़ी सेविका को दी तो उसे किसी को मोबाइल पर कुछ शेयर नहीं करने की सलाह दी गयी. हालांकि यह महिला थोड़ी कम पढ़ी-लिखी है, इसलिये साइबर थाने में शिकायत नहीं दे सकी है.

केस स्टडी-2

कास्टर टाउन बावनबीघा की एक गर्भवती महिला के एकाउंट से 17 सितंबर को साइबर अपराधी ने 12000 रुपये उड़ा लिया. इस संबंध में उक्त महिला ने साइबर थाने में शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की. कहा कि उससे साइबर अपराधी ने फोन पर कहा कि सरकारी पैसा आपके एकाउंट में नहीं जा रहा है. इसके बाद उसने गूगल पे पर रिक्वेस्ट भेजा, जिसे एक्सेप्ट करते ही उसके एकाउंट से 12000 रुपये कट गया. इसके बाद 16000 रुपये का भी रिक्वेस्ट भेजा, किंतु उससे पूछी कि कहां से बोल रहे हैं. उस पर साइबर अपराधी ने कहा सदर अस्पताल से बोल रहे हैं. इसके बाद महिला के पति सदर अस्पताल पहुंचकर उसे कॉल किये तो कहा आप कैसे सदर अस्पताल तुरंत आ गये. इस पर महिला के पति ने कहा कि पैसा कटा है तो क्याें नहीं खोजेंगे. इसके बाद वह पैसा वापस करने की बात करने लगा था.

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