देवघर : कमीशन पर खाते से निकालता था साइबर अपराधियों का पैसा, सीएसपी संचालक समेत नौ गिरफ्तार

साइबर आरोपितों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि पोषण ट्रेकर एप से लाभुकों का नंबर प्राप्त करने के पश्चात सरकारी पदाधिकारी बनकर लाभुकों काे कॉल करता था और डिटेल्स लेने के बाद उनलोगों से ठगी कर लेता था.

By Prabhat Khabar News Desk | December 19, 2023 3:33 AM

देवघर साइबर थाने की पुलिस ने मोहनपुर थाना क्षेत्र के श्रीरामपुर सहित पालोजोरी थाना क्षेत्र के बरमसोली, पाथरौल थाना क्षेत्र के लेड़वा व सारवां थाना क्षेत्र के पहरिया गांव में छापेमारी की. इस दौरान एक सीएसपी संचालक सहित नौ साइबर आरोपितों को छापेमारी टीम ने गिरफ्तार किया गया. इनलोगों के पास से छापेमारी टीम ने 19 मोबाइल सहित 26 सिम कार्ड, 12 एटीएम कार्ड, छह पासबुक, एक चेक बुक, दो ई-पॉश मशीन व एक बायोमीट्रिक उपकरण बरामद किये गये हैं. साथ ही, इनलोगों के पास से बरामद मोबाइल सहित सिम कार्ड को खंगालने पर पुलिस को देश भर में हुए साइबर अपराध से संबंधित 36 क्राइम लिंक मिले हैं. इन सबों के खिलाफ साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी है. इस बारे में देवघर पुलिस मीडिया सेल ने जानकारी दी कि गिरफ्तार साइबर आरोपितों में सारवां थाना क्षेत्र के पहरिया गांव निवासी सीएसपी संचालक विकास कुमार दास सहित मोहनपुर थाना क्षेत्र के श्रीरामपुर गांव निवासी नकुल राय, उमेश राय, कारु मरीक, सारठ थाना क्षेत्र के कालीजोत निवासी असलम अंसारी, पाथरौल थाना क्षेत्र के गोनैया गांव निवासी राजकिशोर दास, राजू कुमार दास, पाथरौल के ही बारामौजा गांव निवासी सगा भाई पंकज कुमार दास व सिंकू दास शामिल है.

आरोपित विकास बिना लाइसेंस के चलाता था दो सीएसपी

मीडिया सेल से दी गयी जानकारी के मुताबिक, आरोपित विकास बिना लाइसेंस के गलत तरीके से एयरटेल पेमेंट बैंक व पेनीयरबाय का सीएसपी चलाता था. वहीं उसने दो फर्जी माइक्रो एटीएम भी रखे थे, जिससे कमीशन लेकर साइबर अपराधियों का पैसा निकलवाता था. उसके पास से पत्नी सहित उसके चार एटीएम कार्ड पुलिस ने बरामद किये हैं, जिसमें से दो एटीएम कार्ड दूसरे के नाम का है. विकास के पास से बरामद मोबाइल में भी साइबर क्राइम के लिंक मिले हैं. इससे स्पष्ट है कि वह साइबर अपराध में संलिप्त था. मीडिया सेल ने यह भी बताया कि साइबर थाना कांड संख्या 06/21 में भी विकास आरोपित रह चुका है. इसके अलावा आरोपित राजकिशोर का भी आपराधिक इतिहास है. साइबर थाना कांड संख्या 23/21 में राजकिशोर आरोपित रह चुका है.

पोषण ट्रेकर एप के लाभुकों से भी बनाता था निशाना

साइबर आरोपितों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि पोषण ट्रेकर एप से लाभुकों का नंबर प्राप्त करने के पश्चात सरकारी पदाधिकारी बनकर लाभुकों काे कॉल करता था और डिटेल्स लेने के बाद उनलोगों से ठगी कर लेता था. इसके अलावा फोन-पे, पेटीएम व अन्य बैंकों का फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर उपभोक्ताओं को कैशबैक का झांसा देकर फंसे हुए रुपये निकलवाने की बात पर भी जानकारी लेने के बाद एकाउंट से रुपये ट्रांसफर कर लेते थे. साथ ही केवाइसी अपडेट कराने व फर्जी बैंक अधिकारी बनकर एकाउंट संबंधी जानकारी लेकर भी साइबर ठगी करने की बात स्वीकार की है.

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