साइबर ठगों के झांसे में सरकारी अफसर, दे दी यह जानकारी, लग गया लाखों का चूना, जानिए पूरा मामला
देवघर डीडीसी संजय कुमार सिन्हा के खाते से साइबर अपराधियों ने कुल 18,46,725 रुपये की निकासी की है. डीडीसी के रांची के प्रोजेक्ट भवन और रामगढ़ के कलेक्टेरियेट स्थित एसबीआइ की शाखा के अकाउंट से रकम निकाली गयी है. Cyber Thagi, Cyber thugs looted DDC, Withdrawal from the bank account, Aadhaar number and OTP information taken, phone call to become a bank officer.
-
डीडीसी के अकाउंट से हुई लाखों की निकासी
-
साइबर ठग को बता दिया था आधार नंबर के साथ ओटीपी
-
बैंक अधिकारी बन साइबर ठग ने किया टेलीफोन, केवाइसी अपडेट का दिया झांसा
Cyber Thagi, Aadhaar number and OTP information: देवघर डीडीसी (DDC, Deoghar) संजय कुमार सिन्हा के खाते से साइबर अपराधियों (Cyber Criminals) ने कुल 18,46,725 रुपये की निकासी की है. डीडीसी के रांची के प्रोजेक्ट भवन (Project Building)और रामगढ़ के कलेक्टेरियेट स्थित एसबीआइ (SBI Bank) की शाखा के अकाउंट से रकम निकाली गयी है. साइबर ठगाें ने 16, 17 व 18 जनवरी को बारी-बारी से कुल 15 बार में पैसे निकाले हैं.
बताया जाता है कि इससे पहले अक्तूबर 2020 में साइबर ठग (Cyber Criminals) ने बैंक अधिकारी (Bank Officials) बन उनके मोबाइल पर कॉल (Phone Call) किया था. बैंक खाता एक्सपायर्ड होने की बात कह डीडीसी से केवाइसी अपटूडेट (KYC Updates) कराने को कहा था. इसी क्रम में उनसे आधार नंबर, ओटीपी आदि की जानकारी ले ली थी.
खास बातें
-
डीडीसी को साइबर ठगों ने लगाया चूना
-
फोन पर ली आधार नंबर और ओटीपी की जानकारी
-
बैंक अधिकारी बन किया था फोन
-
18, 46,725 रुपये की हुई निकासी
-
साइबर ठग ने केवाइसी अपडेट का दिया था झांसा
-
रांची और रामगढ़ के बैंक खाते से की गयी निकासी
डीडीसी के रामगढ़ में स्थित बैंक खाते से 12,25,726 रुपये की निकासी की गयी थी. इसी तरह प्रोजेक्ट भवन रांची स्थिति एसबीआइ के खाते से 6,20,999 रुपये की निकासी की गयी. एकाउंट से इतनी मोटी रकम की निकासी की जानकारी डीडीसी को नहीं मिली.
कैसे मिली जानकारी: दो दिनों पूर्व अपने किसी स्टाफ से उन्होंने पासबुक अपटूडेट कराकर मंगाया. इसके बाद उन्हें मोटी रकम की निकासी की जानकारी हुई.
इसके बाद उन्होंने देवघर साइबर थाने में शिकायत देकर प्राथमिकी दर्ज करायी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एकाउंट से पंजीकृत मोबाइल बदल जाने से उन्हें रुपये निकासी की जानकारी नहीं मिल पायी थी.
Posted by: Pritish Sahay