Janmashtami 2020: देवघर के बाबा मंदिर में मना दही हांडी उत्सव
Janmashtami 2020, Baba Dham Mandir, Jharkhand News, Deoghar News: बाबा नगरी में बाबा बैद्यनाथ के जीवंत रूप की पूजा की जाती है. भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष नवमी तिथि को दही हांडी का उत्सव मनाया गया. इस अवसर पर बाबा बैद्यनाथ की विशेष पूजा की गयी. बुधवार शाम लगभग चार बजे बाबा मंदिर का गर्भगृह खोला गया.
देवघर (दिनकर ज्योति) : बाबा नगरी में बाबा बैद्यनाथ के जीवंत रूप की पूजा की जाती है. भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष नवमी तिथि को दही हांडी का उत्सव मनाया गया. इस अवसर पर बाबा बैद्यनाथ की विशेष पूजा की गयी. बुधवार शाम लगभग चार बजे बाबा मंदिर का गर्भगृह खोला गया.
सरदार पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा, मंदिर स्टेट पुरोहित दुर्गा पंडित, मंदिर उपचार भक्ति नाथ फलाहारी ने मंदिर के गर्भ गृह प्रवेश किया. सरदार पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा ने बारह ज्योतिर्लिंगों में एक बाबा बैद्यनाथ की षोड्शोपचार विधि से पूजा करने के बाद भगवान भोलेनाथ पर दही अर्पित की.
इसके बाद बाबा मंदिर परिसर स्थित सभी 22 मंदिरों में बारी-बारी से दही अर्पित की गयी. तत्पश्चात बाबा बैद्यनाथ के मंदिर का पट बंद कर दिया. शाम में शृंगार पूजा के लिए पुनः बाबा मंदिर का पट खोला गया. बाबा बैद्यनाथ की शृंगार पूजा हुई.
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विदित हो कि जन्माष्टमी के दूसरे दिन बाबा मंदिर में दही हांडी उत्सव मनाने की परंपरा है. इसे दही कादो उत्सव के नाम से जाना जाता है. इस परंपरा का निर्वहन आज तक किया जा रहा है. मौके पर मंदिर प्रभारी सह एसडीओ विशाल सागर, प्रशिक्षु आईएएस संदीप मीणा, छोटेलाल महाराज, बाबा झा आदि मौजूद थे.
ज्ञात हो कि कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से बाबा मंदिर में आम भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है. प्रसिद्ध श्रावणी मेला का आयोजन भी इस बार टाल दिया गया. कांवर यात्रा रोक दी गयी. अब तक के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका था, जब श्रावण मास में देश के किसी कोने से कोई कांवर लेकर बाबा मंदिर में जलार्पण नहीं कर पाया.
हालांकि, कुछ उत्साही भक्त श्रावण मास की पहली सोमवारी पर जल चढ़ाने के लिए देवघर कूच कर गये थे और झारखंड की सीमा तक पहुंच गये थे. लेकिन, दुम्मा स्थित मुख्य गेट पर पुलिस वालों ने इन भक्तों को रोक दिया. रोके जाने पर भक्तों ने गुस्से में पुलिस वालों पर पथराव कर दिया. लेकिन, पुलिस वालों ने संयम का परिचय दिया और वहां से किनारे हो गये.
थोड़ी देर तक नारेबाजी करने और बोल-बम का जयकारा लगाने के बाद कांवर लेकर सुल्तानगंज से दुम्मा पहुंचे शिवभक्तों ने वहीं पर जलार्पण कर दिया और वहां से लौट गये. सिर्फ आखिरी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर स्थानीय 100 भक्तों को मंदिर के गर्भगृह में जाकर बाबा बैद्यनाथ के दर्शन करने का मौका मिला.
इससे पहले, झारखंड हाइकोर्ट में राज्य सरकार ने साफ कह दिया था कि वह मेला के आयोजन के पक्ष में नहीं है. मेला का आयोजन करना संभव नहीं होगा. इसके बाद झारखंड हाइकोर्ट ने वैष्णोदेवी की तर्ज पर बाबा बैद्यनाथ के ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था करने की सलाह राज्य सरकार को दी थी. देवघर प्रशासन ने हाइकोर्ट के निर्देश के अनुरूप सुबह-शाम बाबा की पूजा का फेसबुक और यू-ट्यूब पर सीधा प्रसारण किया, जिसे लाखों लोगों ने देखा.
Posted By : Mithilesh Jha