Jharkhand News: देवघर जिला अंतर्गत पतरो नदी पर बनने वाले बुढ़ैई जलाशय योजना के पहले चरण में बांध का काम शुरू होगा. बांध निर्माण में बहुत कम रैयत जमीन का अधिग्रहण करना पड़ेगा. अधिकांश काम नदी के भाग में होना है. इसमें सरकारी जमीन अधिकतर है. इसलिए जल संसाधन विभाग ने बांध निर्माण शुरू करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. बांध के दोनों अंतिम छोर पर जिन आठ गांवों के रैयतों की जमीन अधिग्रहण की जायेगी, उन्हें मार्च अंतिम तक मुआवजा राशि भी भुगतान करने की तैयारी है.
मार्च के अंतिम सप्ताह में रैयतों को मिलेगा मुआवजा
इन आठ गांवों में पथरिया, ककली, बलथरवरा, राजपुरा, मधुपुर, कसुवाडीह, मदनपुर व बुढ़ैई है. इन गांवों की जमीन बांध निर्माण में जायेगी. विशेष भू-अर्जन विभाग से इन गांवों के रैयतों को अंतिम नोटिस दिया जा चुका है. विशेष भू-अर्जन विभाग को मुआवजा राशि का फंड जल संसाधन विभाग से प्राप्त हो चुका है. मार्च अंतिम सप्ताह तक कैंप लगाकर रैयतों को मुआवजा राशि का भुगतान किया जायेगा और अप्रैल से बांध निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी है.
बुढ़ैई जलाशय योजना में कुल 42 गांवों की जमीन होगी अधिग्रहित
बता दें कि बुढ़ैई जलाशय योजना में कुल 42 गांवों में जमीन अधिग्रहण की जायेगी. कुल 5,657 एकड़ जमीन इस परियोजना में ली जानी है. इसमें रैयती और सरकारी भूमि शामिल है. इस डैम के निर्माण पर करीब 388 करोड़ रुपये की लागत आयेगी. जल संसाधन विभाग ने टेंडर कर दिया है. अगले पांच सालों के अंदर जलाशय योजना का काम पूरा करना है.
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सिंचाई का लक्ष्य
बुढ़ैई जलाशय योजना से 40,583 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई का लक्ष्य रखा गया है. डैम की लंबाई 5.47 किलोमीटर होगी और ऊंचाई 27.50 मीटर होगी. इस जलाशय योजना से दो केनाल बनाये जायेंगे, जिसमें 8.6 क्यूसेक पानी छोड़ा जायेगा. शुरुआत डैम का काम नदी एरिया में शुरू किया जायेगा. इस बीच शेष 34 गांवों में भूमि अधिग्रहण व रैयतों को भुगतान की प्रक्रिया चलती रहेगी.
पहले चरण में बांध का निर्माण होगा शुरू : विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी
इस संबंध में देवघर के विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी विभूति मंडल ने कहा कि बुढ़ैई जलाशय योजना के पहले चरण में बांध निर्माण के लिए आठ गांव के रैयतों को भुगतान करने की प्रक्रिया चल रही है. पथरिया, ककली, बलथरवरा, राजपुरा, मधुपुर, कसुवाडीह, मदनपुर और बुढ़ैई गांवों के रैयतों को अंतिम नोटिस भेजा जा चुका है. मार्च अंतिम सप्ताह में कैंप लगाकर रैयतों को भुगतान किया जायेगा.