Baba Dham Mandir Update News, Jharkhand News (देवघर) : कोरोना संक्रमण के कारण पिछले डेढ़ साल से देवघर का व्यवसाय ठप है. दुकानें बंद रही हैं. जब अनलॉक हुआ, तो भी अधिकतर व्यवसायियों को फायदा नहीं हो रहा है. इसका मुख्य कारण यहां का प्रमुख उद्योग बाबा बैद्यनाथ मंदिर ही बंद है. बाबा मंदिर बंद रहने के कारण श्रद्धालुओं को आना-जाना नहीं हो रहा है. इस कारण बाबा मंदिर से जुड़े तमाम व्यवसायी चाहे देवघर के हों या सुल्तानगंज से लेकर देवघर तक कांवरिया रूट के व्यवसायी हों, सभी के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गयी है.
यहां के व्यवसायियों ने कहा कि प्रसाद, बर्तन, होटल, आवासीय होटल, लॉज आदि खोलने की अनुमति तो सरकार ने दे दी है, लेकिन ये व्यवसाय जिस पर आश्रित हैं, बाबा बैद्यनाथ मंदिर को ही आम श्रद्धालुओं के लिए लॉक रखा है. ऐसे में छोटे- बड़े सभी व्यवसायियों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है.
राहत पैकेज दे सरकार : विकास द्वारी
पेड़ा व्यवसायी विकास द्वारी ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से बंदी के कारण हमलोगों का व्यवसाय ठप रहा है. इस बार भी समय रहते अगर बाबा मंदिर नहीं खोला गया, तो हम जैसे व्यवसायियों की स्थिति बहुत ही खराब हो जायेगी. ऐसे में हमलोग अपने दुकान का खर्च, घर खर्च, बच्चे का स्कूल फीस आदि खर्च का वहन नहीं कर पा रहे हैं. सरकार व्यवसायियों के दर्द को समझते हुए मंदिर खुलवाये. साथ ही हम व्यवसायियों के लिए सरकार राहत पैकेज का ऐलान करे.
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वहीं, व्यवसायी अजय नारायण मिश्र ने कहा कि आज मुश्किल का दौर है. सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए. करीब डेढ़ साल से दुकानें बंद होने के कारण माल खराब हो गया है. महाजन का तकादा अलग से हो रहा है. आमलोगों के साथ-साथ रिक्शा ठेला चालकों की स्थिति भी बदतर हो गयी है. मास्क लगा कर रह सकते हैं, लेकिन पेट में गमछा बांध कर अधिक दिन तक नहीं रह सकते हैं. सरकार कोई ठोस निर्णय ले.
व्यवसायी रवि चंद ने कहा कि बहुत हो गया अब बाबा मंदिर को खोला जाये. हमलोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. देवघर की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बाबा मंदिर पर आश्रित है. कोरोना संक्रमण के कारण करीब डेढ़ साल से यहां के व्यवसायी वर्ग सहित विभिन्न वर्गों के लोग परेशान हैं. देवघर के लोग सामान्य रूप से अपना जीवन यापन कर सके, इसके लिए सरकार को ठोस निर्णय लेना चाहिए.
शिव पेड़ा भंडार के ललन द्वारी कहते हैं कि बाबा मंदिर बंद रहने से काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. पिछले वर्ष और इस वर्ष भी सामान बर्बाद हो गया है. बच्चों के स्कूल से फीस जमा करने के लिए दबाव दिया जा रहा है. निगम में होल्डिंग टैक्स, पानी टैक्स, बिजली बिल आदि सभी को जमा करना होगा. कैसे करें. सरकार को इस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए. मंदिर खुलने से अर्थव्यवस्था तुरंत तो नहीं, पर धीरे-धीरे पटरी पर आ जायेगी.
Posted By : Samir Ranjan.