बाबामंदिर में अरघा को लेकर धरना प्रदर्शन, स्पर्श पूजा के लिए धरने पर बैठे तीर्थपुरोहित

बाबा मंदिर में दर्शन करने पहुंचनेवाले श्रद्धालुओं को स्पर्श पूजा की अनुमति प्रदान करने को लेकर पंडा धर्मरक्षिणी सभा के सदस्यों और समाज के लोगों ने धरना प्रदर्शन किया

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2020 12:01 AM

देवघर : बाबा मंदिर में दर्शन करने पहुंचनेवाले श्रद्धालुओं को स्पर्श पूजा की अनुमति प्रदान करने को लेकर पंडा धर्मरक्षिणी सभा के सदस्यों और समाज के कुछ लोगों ने शुक्रवार को धरना दिया. मंदिर परिसर स्थित प्रशासनिक भवन के पास हवन कुंड के सामने सुबह करीब सात से 10 बजे तक प्रशासनिक व्यवस्था के विरोध में बैठे रहे. सभी अरघा को हटा कर स्पर्श पूजा की व्यवस्था करने की मांग कर रहे थे.

स्पर्श पूजा का है महत्व

पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर ने कहा, कोरोना की वजह से पिछले करीब पांच माह से बाबा मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद था. 27 अगस्त को झारखंड में रहनेवाले भक्तों के लिए मंदिर का पट खोला गया. नये आदेश के अनुसार, हर दिन 200 श्रद्धालुओं को ई-पास के माध्यम से बाबा के दर्शन व पूजन की व्यवस्था की गयी. पर एक सितंबर से गर्भ गृह के प्रवेश द्वार पर अरघा लगा दिया गया है. इससे भक्त बाबा की स्पर्श पूजा नहीं कर पा रहे हैं. बाबा का दरबार सभी भक्तों के लिए खुलना चाहिए. किसी भी भक्त के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए. बाबा की स्पर्श पूजा का महत्व है.

स्वास्थ्य जांच कर स्पर्श पूजा की सुविधा मिले

बाबा धाम आने वाले देश-विदेश के सभी भक्तों की स्वास्थ्य जांच कर स्पर्श पूजा की सुविधा मुहैया करानी चाहिए. सरकार ने होटल खोल दिया है. बाबा धाम आने वाले तीर्थयात्री ही देवघर की आर्थिक रीढ़ हैं. सरकार ने होटल खोलने के आदेश दे दिये हैं. गाड़ियां भी चलने लगी हैं. अपने शहर के सभी व्यवसायियों के हितों व श्रद्धालुओं के सम्मान की रक्षा के लिए हम लोग धरने पर बैठे हैं. मांगों नहीं माने जाने पर जल्द ही अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे.धरना में कौन-कौन थे

महामंत्री के साथ पंडा धर्मरक्षिणी सभा के मंत्री अरुणानंद झा, भारतेंदु मिश्र, घनश्याम शृंगारी, सुनील दत्त द्वारी, विनोद झा, अजय कुंजिलवार, अनिल मिश्र, उदय शंकर ठाकुर, कामता प्रसाद पांडेय, आदित्य कुंजिलवार, प्रफुल्ल कुमार झा, सतीश दत्त द्वारी, अंकित झा, अमित कुमार, अमित जजवाड़े, अजय परिहस्त, सूरत शृंगारी, जयदेव मिश्र, गिरधारी नरौने, विजय शंकर खवाड़े, राजू मठपति, शंभू नाथ मिश्र, कमलेश मिश्र, सोहनलाल कुंजिलवार, अरुण कुमार झा, शेखर शृंगारी, कुलदीप कुमार, उदय शंकर ठाकुर, नवीन जजवाड़े सहित अन्य तीर्थपुरोहित बैठे थे.

posted by : sameer oraon

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