देवघर जिले में जल्द ही लोगों को डेंगू और चिकनगुनिया की जांच व इलाज की सुविधा मिलने लगेगी. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. दरअसल, डेंगू जांच के नाम पर निजी पैथोलैब द्वारा मरीजों से करोड़ों की वसूली करने संबंधी रिपोर्ट प्रभात खबर में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था. इसके बाद डीसी ने इसे गंभीरता से लिया है. डीसी के आदेशानुसार स्वास्थ्य विभाग की ओर से एलाइजा रीडर मशीन की खरीदारी के लिए जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग से प्रस्ताव मांगा है. साथ ही जिले को ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीन की जल्द उपलब्ध करायी जायेगी.
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ रंजन सिन्हा ने बताया कि जिले में डेंगू व चिकनगुनिया की जांच जल्द ही शुरू की जायेगी. इसके लिए कोविड-19 जांच के लिए मिली ट्रू-नेट मशीन काफी संख्या में उपलब्ध है, जिससे डेंगू व चिकनगुनिया की जांच की जा सकती है. इसके लिए सिर्फ डेंगू जांच की किट की आवश्यकता है. किट की खरीदारी के लिए प्रोपोजल जिला प्रशासन को भेजा गया है. किट मिल जाने के बाद जिले में डेंगू व चिकनगुनिया की जांच संभव हो सकेगी और लोगों को डेंगू व चिकनगुनिया की जांच के लिए हजारों रुपये खर्च नहीं करने होंगे. इसके अलावा उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के आदेशानुसार एलाइजा रीडर मशीन की खरीदारी के लिए भी प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा गया है. जल्द ही एलाइजा रीडर मशीन भी मिल जायेगी, इसके बाद वृहत स्तर पर जांच की जायेगी.
देवघर ब्लड सेंटर में जल्द ही लगेगी ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीन
देवघर ब्लड सेंटर में जल्द ही ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर यूनिट की शुरुआत होगी. यह जानकारी सिविल सर्जन डॉ रंजन सिन्हा ने दी. उन्होंने बताया कि यूनिट शुरू होने के बाद मरीजों को प्लाज्मा, प्लेटलेट्स, आरबीसी और डब्लूबीसी के लिए दूसरी जगहों पर भटकना नहीं पड़ेगा. उन्होंने बताया कि राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर यूनिट मशीन जिले को उपलब्ध कराया जायेगा. एक से दो माह में इसे चालू कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से इसके लिए जिला प्रशासन को अवगत कराते हुए यूनिट काे चालू करने के लिए जगह चिन्हित करने को कहा गया था. इसके बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से ब्लड सेंटर के पीछे 500 स्वायर फीट जगह चिन्हित कर ली गयी है. जल्द ही यूनिट का निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा. इसके बाद मशीन लगायी जायेगी. बता दें कि करीब दो साल पहले भी राज्य सरकार ब्लड कंपोनेट यूनिट लगाने को लेकर गंभीरता दिखायी थी, इस दौरान भी रक्त केंद्र में जगह को चिन्हित किया गया था, लेकिन इसके बाद किसी कारण नहीं लग सका था.
ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर यूनिट चालू होने से क्या होगी सुविधा : ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर यूनिट चालू होने से ब्लड से प्लाज्मा, प्लेटलेट्स, आरबीसी और डब्लूबीसी को अलग किया जा सकेगा. इससे एक यूनिट ब्लड से चार लोगों को जीवन मिल सकेगा. दुघर्टना में घायल मरीज का घटना के दौरान खून बह जाता है, इस समय प्लाज्मा की जरूरत होती है. डेंगू मरीज का प्लेटलेट्स घट जाता है, उस समय उन्हें प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है. इसी प्रकार थैलेसीमिया मरीज तथा खून की कमी के मरीजों को आरबीसी चढ़ाया जाता है.