Deoghar-Tripura Train: त्रिपुरा में मां त्रिपुर सुंदरी का मंदिर है, तो ठाकुर अनुकूल चंद्र का आश्रम भी है. ठाकुर अनुकूल चंद्र के वंशज झारखंड के देवघर में रहते हैं. त्रिपुरा से बड़ी संख्या में ठाकुर अनुकूल चंद्र के अनुयायी देवघर आते हैं. वहीं, मां त्रिपुर सुंदरी के दर्शन के लिए झारखंड से काफी संख्या में लोग वहां जाते हैं. झारखंड स्थित बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर और मां त्रिपुर सुंदरी के मंदिर तक जाने के लिए एकमात्र ट्रेन है. देवघर-अगरतला एक्सप्रेस ट्रेन.
देवघर-अगरतला एक्सप्रेस ट्रेन सप्ताह में एक दिन ही चलती है. यानी सप्ताह में एक दिन देवघर से अगरतला के लिए जाती है और अगरतला से देवघर के लिए चलती है. अगर आप देवघर से अगरतला जाना चाहते हैं, तो आप हर सोमवार को शाम 7:35 बजे ट्रेन पकड़ सकते हैं. यह ट्रेन 34 घंटे 10 मिनट में देवघर से अगरतला पहुंचाती है.
यह ट्रेन देवघर से खुलने के बाद बांका, भागलपुर, मुंगेर, खगड़िया जंक्शन, नौगछिया, कटिहार, न्यू जलपाईगुड़ी, न्यू कूचबिहार, न्यू बोंगाईगांव, रंगिया, कामाख्या, गुवाहाटी, चापारमुख, लुमडिंग, न्यू हाफलोंग, बदरपुर, धरमनगर, अम्बासा होते हुए अगरतला तक जाती है. यात्रा के दौरान इस ट्रेन को लुमडिंग से रेक रिवर्स करना पड़ता है. इस ट्रेन में कुल 20 डिब्बे हैं. इनमें 8 सामान्य श्रेणी के डिब्बे हैं. स्लीपर क्लास के 7 डिब्बे हैं. 5 थर्ड एसी कोच हैं.
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अगर आप देवघर-अगरतला ट्रेन से यात्रा करते हैं, तो आपको थर्ड एसी का टिकट कटवाने पर 1635 रुपये किराया चुकाना पड़ेगा. अगर आप स्लीपर क्लास में जाना चाहते हैं, तो 610 रुपये में आपकी 34 घंटे 10 मिनट की यात्रा पूरी होगी. अगर आप सामान्य श्रेणी के कोच में सफर कर सकते हैं, तो सिर्फ 330 रुपये में आप देवघर से अगरतला की 1474 किलोमीटर की दूरी पूरी कर लेंगे.
यह ट्रेन शनिवार को रात के 7 बजे अगरतला से रवाना होती है और 36 घंटे की यात्रा के बाद आपको देवघर पहुंचा देती है. ट्रेन में कोच का कॉम्बिनेशन समान रहता है. अगर आप देवघर से अगरतला गये हैं, तो वापसी में आप तालियामुरा, अंबासा, धरमनगर, बदरपुर, न्यूहाफलोंग, लुमडिंग, चापारमुख, गुवाहाटी, कामाख्या, रंगिया, न्यू बोंगाईगांव, न्यू कूचबिहार, न्यू जलपाईगुड़ी, कटिहार, नौगछिया, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर और बांका होते हुए देवघर पहुंच जाते हैं. सुबह 7 बजेयह ट्रेन आपको देवघर स्टेशन पर उतार देगी. ट्रेन के टिकट में कोई अंतर नहीं है.
हालांकि, इस ट्रेन में डायनामिक प्राइसिंग सिस्टम लागू है. यानी अगर ट्रेन में भीड़ होने लगती है, तो टिकट की कीमत धीरे-धीरे बढ़ती जाती है. यानी जो तय किराया है, उससे अधिक का भुगतान आपको करना पड़ सकता है. इस ट्रेन में भोजन लेने या नहीं लेने का विकल्प आपके ऊपर है. अगर आप भोजन नहीं करना चाहते हैं, तो आपकी टिकट में कैटरिंग चार्ज नहीं जोड़ा जायेगा.
बता दें कि त्रिपुरा में कल विधानसभा के चुनाव में हैं. चुनाव से से पहले भाजपा ने वहां की जनता के लिए बड़े-बड़े वादे किये हैं. भाजपा ने जो घोषणा पत्र जारी किया है, उसमें वादा किया है कि वह बुजुर्गों को तीर्थस्थलों की यात्रा करायेगी और अनुकूलचंद्र कैंटीन (Anukulchandra Canteens) में सस्ती दर पर भोजन उपलब्ध करायेगी. इस योजना के तहत 5 रुपये में भर पेट भोजन का इंतजाम होगा. लोग तीन बार भोजन कर पायेंगे. हालांकि, हर बार उन्हें 5-5 रुपये का भुगतान करना होगा. यानी एक दिन में 15 रुपये देकर तीन बार भर पेट भोजन करने का अवसर लोगों को मिलेगा.
उल्लेखनीय है कि अनुकूल चंद्र हिंदू धार्मिक संत थे. त्रिपुरा में बड़े पैमाने पर उनके अनुयायी हैं. पूर्वी भारत में भी उनका अनुसरण करने वाले लोगों की कमी नहीं है. अनुकूल चंद्र के भक्तों को देखते हुए ही भाजपा की सरकार ने देवघर से अगरतला के लिए ट्रेन चलाने की मांग केंद्र सरकार से की थी. रेलवे मंत्रालय ने झारखंड सरकार के आग्रह पर इस ट्रेन की शुरुआत की थी.