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देवघर एम्स कैंपस में 4.47 एकड़ में बनेगा केंद्रीय विद्यालय, रामूडीह गर्ल्स हॉस्टल में शुरू होगा अस्थायी स्कूल

देवघर के लिए खुशखबरी है. एम्स कैंपस में 4.47 एकड़ में केंद्रीय विद्यालय बनेगा. रामूडीह गर्ल्स हॉस्टल में अस्थायी स्कूल शुरू किया जाएगा. गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे द्वारा हाईकोर्ट में पीआइएल दायर की गयी थी.

देवघर: झारखंड के देवघर एम्स कैंपस में केंद्रीय विद्यालय खुलेगा. गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे द्वारा हाईकोर्ट में पीआइएल के बाद राज्य सरकार ने शपथ पत्र दायर कर केंद्रीय विद्यालय निर्माण के लिए भूमि का ब्योरा उपलब्ध करा दिया है. इसके साथ ही एम्स के समीप रामूडीह गांव के गर्ल्स हॉस्टल में अस्थायी तौर पर केंद्रीय विद्यालय खोलने को भी राज्य सरकार तैयार हो गयी है.

हाईकोर्ट में की गयी थी पीआइएल दायर
सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने राज्य सरकार के साथ हुए एमओयू के अनुसार एम्स में बिजली, पानी, सड़क के साथ-साथ एम्स में नौकरी करने वाले डॉक्टर, नर्स व अन्य कर्मी के बच्चों के लिए केंद्रीय विद्यालय की जमीन मुहैया कराने में राज्य सरकार के स्तर से देरी पर हाईकोर्ट में पीआइएल दायर किया था. इसके बाद हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को कई बार इन सुविधाओं को जल्द मुहैया कराने का निर्देश दिया था. हाइकोर्ट के कड़े रुख के बाद राज्य सरकार ने एम्स के लिए पूर्व से चिह्नित 4.47 एकड़ भूमि पर केंद्रीय विद्यालय निर्माण की विभागीय प्रक्रिया पूरी कर शपथ पत्र 19 अप्रैल को दायर कर दिया है.

अस्थायी तौर पर यहां होगा शुरू
देवघर डीसी के स्तर से भेजी गयी रिपोर्ट के आधार पर मुख्य सचिव के स्तर से दायर शपथ पत्र के अनुसार एम्स की चहारदीवारी के पास ही केंद्रीय विद्यालय के लिए भूमि का नक्शा अंचल के स्तर फाइनल कर लिया गया है. साथ ही अस्थायी तौर पर एम्स से कुछ दूरी पर रामूडीह गांव में स्थित खाली पड़े गर्ल्स हॉस्टल में केंद्रीय विद्यालय चालू करने के लिए शिक्षा विभाग से भवन के विभागीय हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. इस खाली पड़े तीन मंजिला गर्ल्स हॉस्टल में 30 कमरे हैं. साथ ही बॉथरुम, हॉल व किचन की सारी सुविधा है. अस्थायी तौर पर यहां केंद्रीय विद्यालय चालू कराने के लिए राज्य सरकार भवन देने को तैयार है.

स्थानीय बच्चों का भी केंद्रीय विद्यालय में होगा नामांकन
देवघर का दूसरा केंद्रीय विद्यालय एम्स कैंपस में बनेगा. पहला केंद्रीय विद्यालय मधुपुर में खुल चुका है. इस केंद्रीय विद्यालय में एम्स में नौकरी करने वाले डॉक्टर, नर्स व अन्य कर्मी के बच्चों के साथ-साथ स्थानीय बच्चों का भी नामांकन होगा. रामूडीह में खाली पड़े गर्ल्स हॉस्टल में केंद्रीय विद्यालय चालू होते ही नामांकन शुरू होगा, उसके बाद एम्स की भूमि पर केंद्रीय विद्यालय का निर्माण भारत सरकार के स्तर से की जायेगी.

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