गोड्डा, दुमका, साहेबगंज, पाकुड़ और देवघर के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में एक और खुशखबरी है. हंसडीहा में बनकर तैयार 100 बेड के अस्पताल का संचालन अब देवघर एम्स करेगा. हंसडीहा का यह अस्पताल देवघर एम्स का सैटेलाइट हॉस्पिटल होगा. झारखंड सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार इसका संचालन करने को तैयार है.
उक्त निर्णय मंगलवार को दिल्ली में एम्स की स्टैंडिंग फाइनांस कमेटी की बैठक में लिया गया. इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण कर रहे थे. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देवघर एम्स के डायरेक्टर से कहा है कि सैटेलाइट अस्पताल का प्रस्ताव जल्दी बनाकर भेजें. मंत्रालय इस पर गंभीरता से विचार करेगा.
एम्स परिसर में अलग नर्सिंग बिल्डिंग और मॉर्चरी की भी स्वीकृति : बैठक में देवघर एम्स की ओर से भेजे गये नर्सिंग बिल्डिंग और मॉर्चरी निर्माण के प्रस्ताव की भी स्वीकृति दे दी गयी है. इसके लिए बजट का भी आवंटन हो गया है. इस बैठक में 24 एजेंडों पर विस्तृत चर्चा हुई. एम्स निर्माण में जो भी बाधाएं आ रही हैं, उस पर विचार किया गया. निर्देश दिया गया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए काम करें और जो भी बाधाएं आ रही हैं उसे दूर करें.
सेंटर में है हंसडीहा, सैटेलाइट हॉस्पिटल से कई जिलों को फायदा : हंसडीहा में जहां 100 बेड का अस्पताल बना है, वह एरिया कई जिलों के लिए सेंटर प्वाइंट है. एम्स के सैटेलाइट हॉस्पिटल बन जाने से गोड्डा, दुमका, साहेबगंज, पाकुड़ और देवघर जिले का वह इलाका जो हंसडीहा से सटा हुआ है, उन इलाकों के मरीजों को फायदा होगा. एम्स के स्तर की चिकित्सा सुविधाएं लोगों को इस सैटेलाइट हॉस्पिटल में मिलेंगी. बैठक में एम्स की स्टैंडिंग फाइनांस कमेटी के सदस्य गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे, हेल्थ सेक्रेटरी झारखंड अरुण कुमार सिंह, देवघर एम्स के डायरेक्टर डॉ सौरव वार्ष्णेय सहित अन्य सदस्य मौजूद थे.
हंसडीहा के इस अस्पताल को राज्य सरकार से लड़कर बनवाया है. राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार इस अस्पताल का संचालन करने को तैयार हो गयी है. एम्स इस अस्पताल को सैटेलाइट हॉस्पिटल के रूप में संचालित करेगा, इससे बड़ी खुशखबरी इस इलाके के लोगों के लिए कुछ नहीं हो सकती है. संथाल परगना की गरीब जनता को एम्स स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिलेगी तो मुझे भी खुशी होगी.
-डॉ निशिकांत दुबे, सांसद, गोड्डा लोकसभा