देवघर: देवघर एयरपोर्ट पर अब कोहरा और बादल होने पर भी विमानों की लैंडिंग की सुविधा जल्द चालू हो जायेगी. देवघर एयरपोर्ट पर डीवीओआर (वेरी हाई फ्रिक्वेंसी ओमिनी रेंज डॉप्लर रडार) पूरी तरह तैयार हो चुका है. 17 जनवरी को डीवीओआर की टेस्टिंग भी हो गयी है. डीवीओआर इंस्टॉलेशन की रिपोर्ट एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की देवघर यूनिट ने डीजीसीए को भी भेज दी है. देवघर एयरपोर्ट पर तैयार डीवीओआर 17 जनवरी को इक्विपमेंट का इंस्टॉलेशन करने के बाद 18 जनवरी को इसका कैलिब्रेशन किया गया और 27 जनवरी को डीवीओआर की फाइनल टेस्टिंग कर रिपोर्ट डीजीसीए को भेजी गयी है. 31 जनवरी तक डीजीसीए देवघर एयरपोर्ट के इस डीवीओआर को चालू करने की अधिकारिक घोषणा कर सकती है. 31 जनवरी से यह सेवा देवघर एयरपोर्ट में चालू होने की संभावना है.
विमानों को रास्ता दिखाने में करेगा मदद
देवघर एयरपोर्ट में डीवीओआर रनवे के पूर्वी क्षेत्र में बनाया गया है. एयरपोर्ट से यह उपकरण विमानों को रास्ता दिखाने में मदद करेगा. साथ ही एयर ट्रैफिक कंट्रोल से विमानों को 100 किलोमीटर रेंज तक नियंत्रित कर सकेगा. देवघर एयरपोर्ट में तैयार यह डीवीओआर रांची एयरपोर्ट से भी हैवी रेंज का तैयार किया गया है. इसकी विजिबिलिटी रेंज 2700 मीटर तक है. अगर मौसम खराब है और विजिबिलिटी 2700 मीटर तक भी है, तो विमान लैंड कर सकती है. अमूमन 5000 से कम विजिबिलिटी रहने पर विमान को रनवे पर लैंड करने में समस्या होती है. अभी देवघर में 5000 मीटर तक भी विजिबिलिटी रहने पर विमान लैंड नहीं हो पाता है. जैसी ही डीवीओआर चालू होगा, 2700 मीटर विजिबिलिटी में भी विमान की लैंडिंग शुरू हो जायेगी. यह विमानों की लैंडिंग के साथ-साथ टेकऑफ में भी सहायक होगा. डीवीओआर के जरिए एटीसी व पायलट के बीच संपर्क काफी बेहतर हो जायेगा. एयरपोर्ट के रनवे के ऊपर विमान के आने के बाद लैंडिंग के दौरान लगने वाले समय में भी कमी आयेगी. इससे फ्लाइट की पहले से बेहतर ट्रैकिंग संभव हो पायेगी. एटीसी का काम भी अधिक सुविधाजनक हो जायेगा. नाइट लैंडिंग में यह काफी मददगार होगा. विशेष तौर पर कोहरे और घने बादल में विमानों की लैंडिंग में मददगार साबित होगा.
नाइट लैंडिंग में भी मिलेगी मदद
गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने बताया कि डीवीओआर देवघर एयरपोर्ट पर पूरी तरह से तैयार हो चुका है. डीजीसीए के अधिकारियों के साथ मुलाकात हुई थी. डीजीसीए देवघर एयरपोर्ट में इस सेवा को चालू करने को तैयार है. 31 जनवरी तक डीजीसीए इसकी अधिकारिक रूप से घोषणा भी कर सकती है, जिसके बाद देवघर एयरपोर्ट में विजिबिलिटी कम रहने पर विमानों की लैंडिंग की समस्या समाप्त हो जायेगी. 2700 मीटर विजिबिलिटी में भी विमानों की लैंडिंग होगी. यात्रियों को सुविधा हो जायेगी. नाइट लैंडिंग में यह काफी मददगार होगा. विशेष तौर पर कोहरे और घने बादल में विमानों की लैंडिंग में मददगार साबित होगा.