देवघर : इंदौर व गया की तर्ज पर देवघर एयरपोर्ट पर कैट-वन सिस्टम लगा दिया गया है. साथ ही इस सिस्टम का कैलिब्रेशन भी कर लिया गया है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने डीजीसीए को देवघर एयरपोर्ट के कैट-वन का तकनीकी क्लियरेंस के लिए प्रस्ताव भेज दिया है. क्लियरेंस मिलते ही कैट-वन सिस्टम को चालू कर दिया जायेगा. कैट-वन में एक तरह की लाइट है जो तकनीकी तरीके से घने कोहरे व बादल में फ्लाइट को लैंड कराने में मदद करती है.
घना कोहरा और धुंध में भी फ्लाइट लैंडिंग पर नहीं पड़ेगा कोई असर
घना कोहरा और धुंध से फ्लाइट की लैंडिंग में कोई असर नहीं पड़ेगा. दिल्ली और कोलकता एयरपोर्ट में जिस तरह से किसी भी परिस्थिति में फ्लाइट की लैंडिंग होती है, उसके अनुसार देवघर एयरपोर्ट पर भी फ्लाइट की लैंडिंग होगी. सोमवार को गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने देवघर एयरपोर्ट में पहुंचकर कैट-वन सिस्टम की तैयारी की जानकारी एयरपोर्ट के अधिकारी से ली.
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निशिकांत दुबे ने दिया निर्देश
निशिकांत दुबे ने निर्देश दिया है कि इस सुविधा को चालू करने में कोई विभागीय समस्या आती है तो तुरंत अवगत करायें. इस सिस्टम से बारिश के दिनों में घने बादल व और तेज बारिश जैसी विषम मौसमी परिस्थितियों में भी हवाई संचालन को बरकरार रखने में मदद मिलेगी.
क्या है इस सिस्टम की खासियत
कैट वन सिस्टम लैंडिंग के समय पायलट को सटीक रूप से रनवे दर्शाती है. रन-वे पर विजिबिलिटी 400 मीटर से कम रहने पर भी फ्लाइट को लैंडिंग कराने में सहूलियत प्रदान करती है. घने कोहरे में फ्लाइट की सेफ लैंडिंग में कैट टेक्नोलॉजी बेहद काम आती है. यह एक तरह का नेविगेशन सिस्टम है, जो रनवे पर लगे रडार सेंसर्स और हवाई जहाज के संपर्क से चलता है. इसमें हवाई जहाज का सीधा कनेक्शन रनवे के रडार सिस्टम से होता है, जिससे पायलट को रनवे पर विमान को उतारने और रनवे की स्थिति की जानकारी देती है. देवघर एयरपोर्ट में पहले ही नाइट लैडिंग की सुविधा चालू हो चुकी है.