बाबानगरी देवघर को क्यों बांधा गया 3 दिन के लिए, जानें क्या-क्या होता है गमाली पूजा में
बाबानगरी देवघर को 3 दिन के लिए बांध दिया गया है. अब कोई भी व्यक्ति इतने दिन तक नगर से बाहर नहीं जा पाएगा. मंगलवार को गमाली पूजा होगी. जानें इसके बारे में...
देवघर, संजीव कुमार मिश्र : विश्व कल्याण के लिए बाबा नगरी देवघर में नगर गंवाली पूजा का आयोजन मंगलवार को पंडा धर्मरक्षिणी सभा की ओर से किया जायेगा. माता की पूजा से पहले रविवार को मां काली के मंदिर में शरबत चढ़ाकर नगर को तीन दिनों के लिए बांधा गया.
देवघर में रहने वाले लोग मंगलवार तक नहीं जा सकेंगे शहर से बाहर
इसके बाद मंगलवार तक शहर में रहने वाले लोग बाहर नहीं जायेंगे. अगर किसी को शहर से बाहर जाना भी होगा, तो देर रात तक उन्हें वापस आ जाना होगा. सोमवार को सभा की ओर से अध्यक्ष डॉ सुरेश भारद्वाज तथा महामंत्री निर्मल कुमार झा मंटू की अगुवाई में धर्म ध्वजा के साथ शोभा यात्रा निकाली जायेगी.
- मां काली के मंदिर में शरबत चढ़ा कर बंधा नगर
- शहर के हर घर के मुख्य द्वार पर तीन दिनों तक जलेगा दीप
देवी-देवताओं को गमाली पूजा के लिए दिया जाएगा निमंत्रण
इसके पूर्व मंदिर परिसर स्थित सभी मंदिरों में सभा की ओर से धूप-दीप जलाकर देवी-देवताओं को मंगलवार के दिन गमाली पूजा के दौरान उपस्थित रहने का निमंत्रण दिया जायेगा. उसके बाद भव्य शोभा यात्रा के साथ सभी लोग बड़ा बाजार स्थित आजाद चौक के निकट मां शीतला के मंदिर में जाकर निमंत्रण देंगे.
देर रात तक तांत्रिक विधि से होगी माता की पूजा
मंगलवार को शाम से लेकर देर रात तक देवघर नगर में माता की तांत्रिक विधि से पूजा होगी. साथ ही काली मंदिर के सामने हवन किया जायेगा. वहीं, मंदिर में माता के खप्पड़ को जलाया जायेगा. शहर के लोग शाम से लेकर देर रात तक खप्पड़ में धूमन अर्पित कर मंगलकामना करेंगे.
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शाम 7 बजे से शुरू होगा कुंवारी-बटुक भोजन
दूसरी ओर, मंगलवार को ही शाम 7 बजे से देर रात तक नगर कुंवारी-बटुक भोजन का आयोजन किया जायेगा. इसमें कुंवारी तथा बटुक को सात्विक भोजन परोसा जायेगा.
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