देवघर कोर्ट हत्याकांड : एक सिपाही की भूमिका पर संदेह, बिहार के कई पुलिसकर्मी हो सकते हैं गिरफ्तार
अमित सिंह उर्फ निशांत हत्याकांड में पटना पुलिस के एक सिपाही की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, उसने ही लाइनर बन कर विरोधी गुट को सूचना दी.
देवघर : देवघर कोर्ट में हुई हत्या मामले में पुलिस को नया सुराग मिला है, जिसमें एक सिपाही की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं और फिलहाल वो पटना पुलिस में कार्यरत है. सूत्रों के मुताबिक, उसने ही लाइनर बन कर विरोधी गुट को सूचना दी. सूत्रों पर भरोसा करें तो अपने साथ आये एसआइ व अन्य जवानों को नाश्ता कराने वह लेकर गया था. फिलहाल, एसआइ समेत चारों जवान पुलिस की हिरासत में हैं. सभी से देवघर नगर थाने में पूछताछ की जा रही है. बिहार पुलिस के एसआइ, जवानों ने झारखंड पुलिस को झूठी कहानी सुनायी है. बता दें कि कुछ दिन पहले हिस्ट्रीशीटर अमित सिंह की देवघर कोर्ट में पेशी के वक्त अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
सूत्रों की मानें तो इस बाबत पटना के पांचों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है. बिहार पुलिस के एसआइ की शिकायत पर अमित हत्याकांड के दर्ज मामले में जिक्र है कि 17 जून की रात वे लोग हरिद्वार-हावड़ा ट्रेन से बिना टिकट अमित को लेकर जसीडीह स्टेशन पहुंचे. पूरी रात स्टेशन पर ही बितायी और सुबह पेशी के लिये सीधे देवघर जिला कोर्ट में लेकर आये थे.
हालांकि, बिहार पुलिस की झूठ पकड़ी गयी है. जांच में देवघर पुलिस को मालूम हुआ कि वे लोग अमित को लेकर कार से देवघर आये थे. तीन कार भी पुलिस ने जब्त कर नगर थाने में रखा है. सूत्रों के मुताबिक, इस बाबत बिहार पुलिसकर्मियों पर आइपीसी की धारा 182 और 211 के तहत देवघर नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी भी अंदर-अंदर चल रही है.
उपासना एक्सप्रेस गोलीकांड का संदिग्ध रहा था सिपाही
सूत्रों के मुताबिक, जिस सिपाही को अमित सिंह हत्याकांड का लाइनर माना जा रहा है, उसकी भूमिका पहले से भी संदिग्ध रही है. फरवरी 2021 में बेउर जेल से सियालदह भेजे जा रहे कैदी कुणाल शर्मा पर उपासना एक्सप्रेस में गोली चली थी, जिसमें वह बच गया. गोली गार्ड को लगी थी. संदिग्ध सिपाही का नाम उस गोलीकांड में भी उछला था.
उस वक्त यह बात सामने आया था कि बेउर जेल की प्रवेश शाखा से सूचना लेकर सिपाही ने कुणाल के विरोधियों को दी थी. उसके विरोधी मोकामा स्टेशन पर ट्रेन में चढ़े थे और लखीसराय के बीच वारदात को अंजाम दिया था. जानकारों की मानें तो कौन कैदी किस ट्रेन या गाड़ी से कहां जाने वाला है, इसकी जानकारी जेल की प्रवेश शाखा से ही मिलती है. अमित सिंह हत्याकांड में बिहार पुलिस बेउर जेल की प्रवेश शाखा के कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रही है.
कहीं बीमारी का बहाना बनाकर गायब होनेवाले सिपाही को तो नहीं थी जानकारी
संदिग्ध सिपाही के मोबाइल नंबर की कॉल रिकार्ड खंगाली जा रही है. सूत्रों के मुताबिक वह लगभग सभी कुख्यात अपराधियों के संपर्क में था, मगर एक पूर्व कैदी से उसकी लगातार बातें होती थी. फिलहाल, वह कैदी भागलपुर जेल में बंद है. उन सूत्रों पर भरोसा करें तो उस कैदी को बेउर जेल में अमित की हत्या करने के लिए रुपये देने की पेशकश भी की गयी थी.
इसकी भनक जेल प्रशासन को लगी तो उसे भागलपुर भेज दिया गया. हालांकि, इस बारे में अमित सिंह को कोई जानकारी नहीं दी गयी थी. देवघर कोर्ट में अमित को पेश कराने के लिये एएसआइ के साथ पांच सिपाहियों की कमान कटी थी, लेकिन एक जवान बीमारी का बहाना बनाकर गायब हो गया. चर्चा यह है कि उसे हत्या की भनक लग गयी थी.
Posted By: Sameer Oraon