देवघर कोर्ट ने मां-बेटे को सुनायी सजा, दहेज के लिए विवाहिता की गला दबाकर कर दी थी हत्या
देवघर कोर्ट ने एक विवाहिता की गला दबाकर हत्या करने के मामले में मां-बेटे को सश्रम सजा सुनायी है. मृतिका के पति को 10 साल और सास को सात साल की सजा सुनायी है. साथ ही दोनों को अलग-अलग जुर्माना भी लगाया.
Jharkhand News: देवघर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-9 सह विशेष न्यायाधीश क्राइम अगेंस्ट वोमेन (सीएडब्ल्यू) विजय कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने दहेज हत्या मामले में पति एवं सास को दोषी पाकर अलग-अलग सजा सुनायी गयी. दोषी करार दिये गये पति कुमार गौरव को 10 साल और सास बिमला देवी को सात साल की सश्रम सजा सुनायी है. इसके अलावा पति को 10 हजार रुपये का जुर्माना लगया गया, जिसे अदा नहीं करने पर अलग से छह माह की काटनी होगी. वहीं, सास को पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिसे भुगतान नहीं करने पर अलग से तीन माह की सजा काटनी होगी. सजा पाने वाले दोनों अभियुक्त कुंडा थाना के नौलखा मुहल्ले के रहने वाले हैं.
19 अप्रैल, 2017 को हुई थी घटना
मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता एके गुप्ता ने घटना के समर्थन में सात लोगों की गवाही दिलायी एवं दोष सिद्ध करने में सफल रहे, जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रीतम आनंद दोनों अभियुक्तों को आरोपों से मुक्त कराने में विफल रहे. यह घटना कुंडा थाना क्षेत्र के नौलखा मुहल्ले में विगत 19 अप्रैल, 2017 को घटी थी. इस मुकदमा के सूचक मृतका खुशबू कुमारी के पिता रंजीत राउत हैं, जो गोड्डा जिले के पौड़ेयाहाट थाना के डांड़े गांव के रहने वाले हैं.
क्या था मामला
दर्ज मुकदमा के अनुसार, सूचक ने अपनी पुत्री खुशबू कुमारी की शादी कुमार गौरव के साथ तीन साल पहले की थी. शादी के बाद ससुराल गयी जहां पर कुछ दिन तक ठीक से रखा. इसके बाद दहेज में 50 हजार रुपये एवं मोटरसाइकिल की मांग की गयी. जिसे नहीं देने पर गला दबाकर हत्या कर दी गयी. इस घटना के संबंध में थाना में केस दर्ज हुआ एवं पुलिस ने अनुसंधान पूरी कर आरोप पत्र दाखिल किया. इसके बाद केस ट्रायल के उक्त कोर्ट में पीडीजे द्वारा भेजा गया, जहां पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद उक्त सजा सुनायी गयी एवं जुर्माना लगाया गया.