Deoghar News: बाबा मंदिर में शीघ्रदर्शनम कूपन की दर में तत्काल बदलाव नहीं किया गया है. अभी एक सप्ताह तक 250 रुपये की दर से कूपन बिकेगा. इस लेकर मंदिर प्रभारी सह एसडीएम अभिजीत सिन्हा ने पंडा धर्मरक्षिणी सभा के वरीय उपाध्यक्ष मनोज मिश्रा व संजय मिश्रा के साथ बैठक कर यात्रियों की सुविधा व शीघ्रदर्शनम कूपन की दर बढ़ाने को लेकर सहमति बनाने पर चर्चा की. सभा के दोनों उपाध्यक्षों ने मंदिर प्रभारी को एक सप्ताह तक पूर्व के रेट को ही रखने का सुझाव दिया.
दर बढ़ोत्तरी को लेकर किया जाएगा सूचित
बैठक में कहा कि इस दौरान सभा की बैठक कर दर बढ़ाने के बारे में निर्णय लेकर मंदिर प्रशासन को सूचित कर दिया जायेगा. इसके अलावा अन्य मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया. उनकी बातों को सुनने के बाद मंदिर प्रभारी ने मंदिर प्रबंधक प्रकाश मिश्रा व अधीक्षक सह दिवान सोना सिन्हा को अगले आदेश तक पूर्व निर्धारित शुल्क यानी प्रति व्यक्ति 250 रुपये की दर से ही कूपन जारी करने का निर्देश दिया है.
क्या कहते हैं धर्मरक्षिणी सभा के उपाध्यक्ष
प्रशासन के द्वारा शीघ्रदर्शनम कूपन का एक तार्किक शुल्क वृद्धि किया जाये, साथ ही यात्रियों की सुविधा में भी वृद्धि हो. प्रशासन मंदिर की आय से हम लोगों की पुरानी मांग है कि एक अच्छा स्कूल, यात्रियों के लिए लंगर और एक अस्पताल का भी संचालन हो. इस पर विचार किया गया.
मनोज मिश्रा, उपाध्यक्ष
मंदिर प्रशासन के द्वारा शीघ्रदर्शनम शुल्क वृद्धि के संबंध में मंदिर प्रभारी के साथ बैठक की और तत्काल पुराने शुल्क पर ही शीघ्रदर्शनम पास उपलब्ध कराने का आग्रह किया. एक सप्ताह के अंदर सभा की बैठक कर उचित मूल्य तय कर लिया जायेगा. मंदिर प्रशासन के साथ बैठक कर शुल्क में वृद्धि की जायेगी.
संजय मिश्रा, उपाध्यक्ष
पुलिस ने हिदायत के साथ हटाया गया अतिक्रमण
टावर चौक से आजाद चौक तक व सुभाष चौक से पुलिस ने रविवार को अतिक्रमण हटाया. सीसीआर डीएसपी आलोक रंजन की अगुवाई में पुलिस की टीम ने अवैध तरीके से सड़कों पर प्लास्टिक लगाकर सड़कों पर दुकानदारी करने वाले दुकानदारों को भी हटाया. पुलिस की टीम ने हिदायत भी दी कि वे आगे किसी भी तरह से सड़कों का अतिक्रमण नहीं करें, वरना सख्त कार्रवाई की जायेगी. सड़कों का अतिक्रमण किये जाने से लोगों को टावर चौक से आजाद चौक तक आवागमन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. स्थायी दुकानदारों के संरक्षण में सड़क के दोनों किनारे धूप व बारिश से बचाव के लिए प्लास्टिक बांध कर उसके नीचे फुटपाथों पर दुकानदारों को बैठाया जाता है. श्रावणी मेला के पहले थोड़ी बहुत कार्रवाई तो होती है. मेला शुरू होने के साथ ही पुन: सड़कों का अतिक्रमण कर लिया जाता है. इससे न सिर्फ स्थानीय लोगों को बल्कि श्रद्धालुओं व पर्यटकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.