देवघर : दो वर्ष में दलित प्रताड़ना के 64 मुकदमे दाखिल, 2023 में मात्र चार मामले हुए दर्ज
वर्ष 2023 में एससीएसटी एक्ट विशेष अदालत द्वारा सरकार बनाम गुड्डू सिंह व अन्य का निष्पादन कर लोअर कोर्ट भेज दिया गया है. यह मामला नकुल तुरी के बयान पर जसीडीह थाना में दर्ज हुआ था.
देवघर : दलित प्रताड़ना के मुकदमों की सुनवाई के लिए सिविल कोर्ट परिसर में विशेष न्यायालय बना है, जहां पर इस प्रकार के मामलों की सुनवाई की जाती है. इन मामलों की सुनवाई के लिए एडीजे प्रथम सह विशेष न्यायालय गठित है. स्पेशल कोर्ट में पिछले दो साल के आंकड़ों पर गौर करने पर स्पष्ट है कि वर्ष 2022 से नवंबर 2023 तक कुल 66 मामले दाखिल किये गये हैं, जिसमें वर्ष 2023 में महज चार मामले दाखिल हुए हैं. शेष 62 मामले वर्ष 2022 में दाखिल किये गये हैं. पिछले साल 39 केस का निष्पादन हुआ है, जबकि इस वर्ष दो केस का निष्पादन हुआ है. दाखिल मुकदमों में 22 केस महिलाओं की ओर से तथा 44 केस पुरुषों की ओर से दाखिल किये गये हैं. यानी एससीएसटी केस दर्ज कराने में महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक हैं.
वर्ष 2023 में एससीएसटी एक्ट विशेष अदालत द्वारा सरकार बनाम गुड्डू सिंह व अन्य का निष्पादन कर लोअर कोर्ट भेज दिया गया है. यह मामला नकुल तुरी के बयान पर जसीडीह थाना में दर्ज हुआ था. इसमें गुड्डू सिंह, अमित सिंह व रतन सिंह को आरोपी बनाया गया है. केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने अनुसंधान पूरी करने के बाद एससएसटी एक्ट को सही नहीं पाया एवं सिर्फ मारपीट की घटना की पुष्टि कर आरोप पत्र दाखिल किया. अदालत ने इस वाद को लोअर कोर्ट में सुनवाई के लिए भेज दिया.
केस स्टडी- दो
विशेष न्यायालय में रामदेव महरा ने 2022 को परिवाद दाखिल किया था. इस मामले में लिटो सिंह, लुटन सिंह, कारु सिंह, विवेका सिंह, सुगम सिंह व राहुल सिंह को आरोपी बनाया गया था. केस दर्ज होने के बाद परिवादी की ओर से जांच साक्ष्य प्रस्तुत किया गया. अदालत ने संज्ञान बिंदु पर बहस सुनने के बाद केस खारिज कर दिया गया. आरोप को सही नहीं पाया.
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