देवघर: जलसार रोड स्थित पुराना सिविल सर्जन कार्यालय के पीछे संचालित एएनएम स्कूल और पुराना सदर अस्पताल के पीछे एएनएम हॉस्टल काफी जर्जर हो चुके है. ऐसे में कभी भी छात्राओं के साथ किसी प्रकार की घटना हो सकती है. छात्राएं हमेशा डर के साये के बीच हॉस्टल में रह रहीं हैं और स्कूल में प्रशिक्षण ले रहीं हैं. जबकि एएनएम स्कूल के नोडल पदाधिकारी ने भी कई बार स्कूल और छात्रावास की मरम्मत को लेकर सिविल सर्जन को लिखा इसके बावजूद मरम्मत नहीं हो सकी है. वर्तमान में एएनएम स्कूल में पहले बैच की 11 और दूसरे बैच की 28 छात्रायें मिलाकर कुल 39 छात्राएं प्रशिक्षण ले रही हैं. सभी छात्राएं एएनएम हॉस्टल में रहती हैं.
क्या है स्कूल और हॉस्टल की स्थिति
एएनएम स्कूल हो या हॉस्टल दोनों के भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं. हाॅस्टल के सभी दरवाजे और खिड़की जर्जर हो चुके हैं. इसके अलावा हॉस्टल का कमरा और बाथरूम भी काफी जर्जर हाे चुका हैं. छात्राओं को बाथरूम जाने में भी दिक्कतें हो रही है. यही हाल स्कूल के भी सभी दरवाजे और खिड़कियां टूट चुकीं हैं, साथ ही छत और दीवारों पर बड़े- बड़े पौधे उग आये हैं, जिसकी पजह से दीवारों में दरारें आ गयी हैं. बरसात के दिनों में छत से पानी भी टपकता है, और दीवारों में करंट दौड़ता है, जिससे कभी भी छात्राओं के साथ घटना हो सकती है.
विभाग की ओर से पुराने टीबी कार्यालय परिसर में भवन निर्माण का बनाया जा रहा है प्लान
स्वास्थ्य विभाग की ओर से नये भवन के निर्माण का जायजा लेने के लिए रांची से दो माह पूर्व आर्किटेक्ट देवघर भेजा गया था. इस दौरान आर्किटेक्ट ने एएनएम स्कूल और एएनएम हॉस्टल का निरीक्षण किया था, मौके पर प्रभारी सिविल सर्जन डॉ जेके चौधरी ने हॉस्टल और स्कूल की स्थिति के जर्जर होने का हवाला देते हुए नये भवन निर्माण कराने का प्लान बताया. इस दौरान पुराने टीबी कार्यालय में बने भवन को हटा कर परिसर में एक साथ हॉस्टल और स्कूल बनाने का प्लान बताया, जिसमें क्लास रूम, हॉस्टल, ऑडिटोरियम, और कार्यालय एक ही परिसर में बनाने का प्लान बताया, जिसे लेकर आर्किटेक्ट ने सहमति जतायी. नक्शा बनाये जाने के बाद प्रस्ताव तैयार करने की बारे में बताया गया.