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देवघर : आज से कद्दू-भात के साथ महापर्व छठ की शुरूआत, जानें इसका महत्व

नहाय खाय के दिन कद्दू खाने के पीछे धार्मिक मान्यताओं के साथ वैज्ञानिक महत्व भी है. इस दिन प्रसाद के रूप में कद्दू-भात ग्रहण करने के बाद व्रती 36 घंटे निर्जला उपवास पर रहती हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | November 17, 2023 8:59 AM

देवघर : आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार से नहाय खाय एवं कद्दू-भात के साथ प्रारंभ हो जायेगा. चार दिनों तक चलने वाली छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. इस दिन व्रती गंगा स्नान करने के बाद पूजा करते हैं. इसके बाद मिट्टी के चूल्हे पर अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी का प्रसाद बनाते हैं. नहाय-खाय के दिन कद्दू खाने का खास महत्व है. इसे व्रती सहित परिवार के सभी सदस्य प्रसाद के तौर पर ग्रहण करते हैं. प्रसाद तैयार करते समय शुद्धता का विशेष तौर पर ख्याल रखा जाता है. शनिवार को खरना होगा. रविवार को घाटों पर अस्ताचलगामी और सोमवार को उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ पर्व का निस्तार होगा.


नहाय-खाय के दिन कद्दू खाने का महत्व

बाबा मंदिर के तीर्थ पुरोहित प्रमोद श्रृंगारी ने बताया कि नहाय खाय के दिन कद्दू खाने के पीछे धार्मिक मान्यताओं के साथ वैज्ञानिक महत्व भी है. इस दिन प्रसाद के रूप में कद्दू-भात ग्रहण करने के बाद व्रती 36 घंटे निर्जला उपवास पर रहती हैं. कद्दू को इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर खाया जाता है जो व्रतियों को 36 घंटे के उपवास में मदद करता है. श्री श्रृंगारी ने बताया कि कद्दू खाने से शरीर को अनेक प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं. इसमें पानी की भी अच्छी-खासी मात्रा होती है. साथ ही पर्याप्त मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है. कद्दू हमारे शरीर में शुगर लेवल को भी मेंटेन रखता है. इस प्रकार व्रतियों के लिए निर्जला उपवास करने में कद्दू मददगार साबित होता है.

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