देवघर : कृषि विभाग से किसानों को 50 फीसदी अनुदान पर दिया जाने वाला गेहूं का बीज देवघर में लक्ष्य के अनुसार नहीं मिल पाया है. गेहूं का बीज आपूर्ति करने वाली सरकारी एजेंसी नेशनल सीड्स कॉरपोरेशन (एनएससी) ने बीज की अनुपलब्धता का हवाला देकर बैंक ड्राफ्ट वापस कर दिया है. कृषि विभाग ने तीन माह पहले ही एनएससी को देवघर में गेहूं की खेती की आवश्यकता के अनुसार पांच हजार क्विंटल बीज उपलब्ध करने की डिमांड की थी. एनएससी ने शुरुआत में एक हजार क्विंटल बीज आवंटन करने की स्वीकृति भी दी थी, लेकिन 10 दिनों पहले मात्र 500 क्विंटल ही बीज देवघर को दिया गया. शेष बीज एनएससी ने देने से इनकार कर दिया, जिस कारण देवघर के किसान गेहूं का बीज प्राप्त करने से वंचित हो रहे हैं. 500 क्विंटल में 250 क्विंटल बीज बाबा स्वावलंबी समिति, सोनारायठाढ़ी को तथा मधुपुर के लाइसेंसी अधिकृत विक्रेता को 250 क्विंटल बीज दिया गया. इन दोनों अधिकृत विक्रेता से लाइसेंसी बीज दुकानदार व पैक्स ड्राफ्ट के जरिये खुदरा बीज का उठाव कर रहे हैं, लेकिन मात्र 500 क्विंटल बीज से पूरे देवघर जिले में गेहूं की खेती नहीं हो पायेगी. किसानों को बाजार से महंगी दरों पर गेहूं का बीज खरीदना पड़ रहा है. डीएओ द्वारा नेशनल सीड्स कॉरपोरेशन को पत्र भेज कर डिमांड के अनुसार जल्द बीज उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया गया है, लेकिन जवाब में एनएससी ने 250 क्विंटल का बैंक ड्राफ्ट ही वापस कर दिया. साथ ही एनसीसी द्वारा कहा गया है कि कॉरपोरेशन में गेहूं का बीज उपलब्ध नहीं है. ऐसी स्थिति में अब सरकारी अनुदान पर देवघर को बीज मिलने की संभावना कम हो गयी है. एनएससी के इस जवाब से डीएओ ने राज्य कृषि निदेशालय को भी अवगत करा दिया है.
देवघर के जिला कृषि पदाधिकारी केके कुजूर ने कहा कि कृषि विभाग किसानों को 50 फीसदी अनुदान पर गेहूं का बीज शत-प्रतिशत मुहैया कराने को तैयार है, लेकिन नेशनल सीड्स कॉरपोरेशन ही बीज देने को तैयार नहीं है. एनएससी के अनुसार उनके पास बीज उपलब्ध नहीं है. कुल पांच हजार क्विंटल गेहूं बीज की डिमांड भेजी गयी थी, जिसमें 500 क्विंटल बीज ही उपलब्ध हो पाया है. कई एजेंसी द्वारा एनएससी को डिमांड ड्राफ्ट भेजा गया है, लेकिन एनएससी द्वारा ड्राफ्ट वापस लौटाया जा रहा है. पूरी स्थिति से राज्य कृषि निदेशालय को अवगत करा दिया गया है. वैसे किसान गेहूं की जगह पर अनुदानित दर पर मक्का भी प्राप्त कर सकते हैं. कृषि विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में अनुदानित दर पर मक्का के बीज उपलब्ध हैं.
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