देवघर : नर्स निशा की मौत मामले में तीन चिकित्सकों व संचालक पर प्राथमिकी दर्ज, ऑपरेशन में लापरवाही का आरोप
निशा के पिता जयप्रकाश रवानी समेत परिजनों व ग्रामीणों समेत विभिन्न संगठनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन किया. दोषियों पर कार्रवाई के नाम पर अभियान भी चलाया.
मधुपुर के पथलचपटी स्थित अनुराग अस्पताल की नर्स निशा कुमारी (23वर्ष ) की मौत मामले में जांच टीम की रिपोर्ट में चिकित्सकों की लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है. निशा की मौत मामले में अस्पताल के तीन चिकित्सकों समेत संचालक के खिलाफ मधुपुर थाना में मामला दर्ज किया गया है. घटना सितंबर महीने की है, जब नर्स निशा ने अनुराग अस्पताल में अपना ऑपरेशन कराया था और तबीयत बिगड़ने के बाद उसकी मौत कोलकाता में इलाज के दौरान हो गयी थी. बताया जाता है कि जांच रिपोर्ट व पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज हुई है, जिसमें अस्पताल प्रबंधन पर ऑपरेशन में लापरवाही बरतने का आरोप है. गौरतलब है कि करौं प्रखंड के प्रतापपुर निवासी निशा कुमारी मधुपुर के नया बाजार में रहकर अस्पताल में नर्स के रूप में कार्य करती थी. इस बीच उसकी तबीयत खराब होने पर अस्पताल में पिछले पांच सितंबर को डॉ. आलोक मोहन की टीम ने उसका सीबीडी ऑपरेशन किया था. ऑपरेशन के कुछ दिन बाद ही उसकी तबीयत खराब हो गयी, जिसके बाद उसकी स्थिति और बिगड़ती देख दोबारा ऑपरेशन किया गया. दोबारा ऑपरेशन के बाद भी सुधार नहीं होने पर उसे कोलकाता रेफर किया गया. लेकिन 28 सितंबर को इलाज के दौरान उसकी वहां मौत हो गयी.
निशा के पिता जयप्रकाश रवानी समेत परिजनों व ग्रामीणों समेत विभिन्न संगठनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन किया. दोषियों पर कार्रवाई के नाम पर अभियान भी चलाया. निशा के पिता ने थाना में मामला दर्ज करने के लिए लिखित शिकायत दी थी और मामले की जांच कराने की मांग की थी.
इन पर दर्ज हुई प्राथमिकी
वरीय पुलिस पदाधिकारी और सिविल सर्जन के प्रतिवेदन के आधार पर डॉ रघुनंदन, डॉ आलोक कुमार व डॉ विनोद कुमार के समेत अस्पताल संचालक के रूप में अरुण गुटगुटिया विरुद्ध पुलिस ने मामला दर्ज किया है. इस मामले में देवघर उपायुक्त और सिविल सर्जन ने जांच कमेटी गठित की थी.
क्या कहते हैं अस्पताल प्रबंधक
अस्पताल प्रबंधक रितेश ठाकुर नर्स निशा के मामले में कहीं भी लापरवाही नहीं बरती है. जांच कमेटी की रिपोर्ट जरूर आयी है. लेकिन युवती को प्रबंधन ने बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया और अच्छी देखभाल की थी.
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