Deoghar News: सीता कल्याणम् के साथ पांच दिवसीय शतचंडी महायज्ञ की पूर्णाहुति
Deoghar News: रिखियापीठ में 5 दिवसीय शतचंडी महायज्ञ की पूर्णाहुति सीता कल्याणम् के साथ हो गयी. सुबह में स्वामी निरंजनानंद व स्वामी सत्संगीजी ने कन्या पूजन की.
Deoghar News|रिखियापीठ में पांच दिवसीय शतचंडी महायज्ञ की पूर्णाहुति सीता कल्याणम् के साथ हो गयी. सुबह में स्वामी निरंजनानंद व स्वामी सत्संगीजी ने कन्या पूजन की. कन्याओं का श्रृंगार कर भोजन कराया गया. कन्याओं काे वस्त्र व अन्य सामग्री दी गयी. दोपहर में काशी के पंडितों द्वारा बसोधारा के जरिये शतचंडी महायज्ञ का की पूर्णाहुति की गयी, उसके बाद सीता पंचमी के अवसर पर राम-सीता की प्रतिमूर्ति का स्वामी निरंजनानंद व स्वामी सत्ससंगी जी की उपस्थिति में विवाह कराया गया.
शतचंडी महायज्ञ के 30 वर्ष पूर्ण होने पर मुख्य यजमान केके गोयनका व उनके पुत्र श्रीकांत गोयनका को स्वामी सत्संगीजी द्वारा सम्मानित किया गया. इस अवसर पर स्वामी निरंजनानंद जी ने कहा कि कन्या पूजन साक्षात देवी मां की आराधना है. कन्याओं की आराधना देवी व माता के रूप में होती रही है. रिखिया में सेवा, प्रेम व दान का सबसे बड़ा साकार रूप कन्या पूजन है. गांव की इन कन्याओं का श्रृंगार व पूजन प्रेम की भक्ति को जागृत करता है.
उन्होंने कहा कि सेवा, प्रेम, दान का संदेश स्वामी सत्यानंद जी ने रिखिया से पूरी दुनिया को दिया है. सेवा, प्रेम व दान का जोत हर व्यक्ति में जलनी चाहिए, मन हमेशा प्रसन्न रहेगा. रिखियापीठ हमेशा ईश्वर की भक्ति के साथ-साथ दूसरों की सेवा का संदेश देता है. अनुष्ठान के दौरान स्वामी निरंजनानंद जी ने स्वामी सत्संगी जी को मुकुट पहनाकर 30 वर्षों की इस महायज्ञ के सफल संचालन का श्रेय दिया.
आदिवासी नृत्य व बैंड-बाजा के साथ आयी श्री राम की बारात
सीता कल्याणम् में राम-सीता विवाह से धूमधाम से हुई. श्री राम की बारात फूलों से सजी गाड़ी से आयी. इस दौरान बारात में गांव की आदिवासी महिलाओं ने नृत्य किया व बैंड-बाजा व पारंपरिक ढोल के साथ बारात का स्वागत किया गया. विवाह के उपरांत स्वामी निरंजनानंद व स्वामी सत्संगी जी श्री राम व सीता की प्रतिमूर्ति वाहन में साथ लेकर अखाड़ा गये. अनुष्ठान में स्वामी निरंजानंद व स्वामी सत्संगीजी ने एक-दूसरे को फूलों से अभिवादन किया. रिखियापीठ में 11 दिसंबर से 15 दिसंबर तक योग पूर्णिमा उत्सव भी मनाया जायेगा.