देवघर : श्रावणी मेले में दिख रहा मलमास का असर, हर दिन महज डेढ़ से दो करोड़ का ही कारोबार

देवघर के श्रावणी मेले में इस बार मलमास का असर दिख रहा है. व्यवसायियों ने कहा कि महीने भर में एक चौथाई भी कारोबार नहीं हुआ. पिछले वर्ष मेले में रोजाना 25 से 30 करोड़ रुपये का कारोबार हो रहा था. इस साल तीन से चार करोड़ की ही खरीद-बिक्री हो रही है. कम भक्तों के आने से व्यवसायियों में मायूसी छायी है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 5, 2023 9:15 AM

Shravani Mela 2023: श्रावणी मेले का शुभारंभ होने के बाद तीन जुलाई को एक माह पूरा हो गया. इस एक महीने में मलमास का असर देवघर के श्रावणी मेले के बाजार पर दिख रहा है. मेला से जुड़े व्यवसायियों के लेखा-जोखा के अनुसार पिछले वर्ष के श्रावणी मेला के बाजार की तुलना में इस वर्ष एक महीने में एक चौथाई भी कारोबार नहीं हुआ है. अनुमान के अनुसार, पिछले वर्ष श्रावणी मेले में प्रत्येक दिन 25 से 30 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था, जबकि इस वर्ष प्रत्येक दिन तीन से चार करोड़ रुपये की खरीद-बिक्री हो रही है.

श्रावणी मेले में मुख्यतः भोजनालय व खाद्यान्न का कारोबार समेत फल, प्रसाद के रूप में पेड़ा, चूड़ा, इलायची दाना, बद्धी माला, चूड़ी, सिंदूर, पीतल के बर्तन, फोटो, लोहे के बर्तन, बांस की सामग्री, खिलौने, कपड़े, झोले, बैग, चप्पल-जूते आदि की बिक्री होती है. बाबा मंदिर के आसपास सहित बड़ा बाजार से टावर चौक व एसबी राय रोड में ये दुकानें सजी हुई हैं. अधिकतर लोग किराये पर दुकान लेकर व्यवसाय कर रहे हैं. दुकानदारों के अनुसार, दुकानों में खरीदारी के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ काफी कम रह रही है. अधिकतर दुकानें खाली-खाली रह रही है. श्रद्धालुओं का आगमन कम होने से बासुकिनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी घट गयी, इससे बस व ऑटो का परिवहन भी प्रभावित हुआ है.

बस में 40 फीसदी यात्रियों की कमी

बस ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेशानंद झा ने बताया कि श्रावणी मेले में यह स्थिति पहली बार देखने को मिली है. पिछले सावन के मुकाबले इस बार एक महीने के दौरान बासुकिनाथ आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या में 60 फीसदी ही रही. कई बार तो श्रद्धालुओं से बस भरती भी नहीं है और खाली ही जाना पड़ता है.

डिमांड कम होने से फलों का स्टॉक कम कर दिया

फल व्यवसायी संघ के सचिव अजीत सिंह ने बताया कि एक महीने के दौरान फलों की डिमांड काफी कम रही. व्यापारियों ने डिमांड कम रहने की वजह से फलों का स्टॉक कम कर दिया व मंडी में बुकिंग भी कैंसिल कर दी गयी है. मेला के दौरान फलों की डिमांड 70 फीसदी तक घट गयी है.

पेड़ा दुकानों में स्टॉक से नुकसान

श्रावणी मेले में इस वर्ष पेड़ा का बाजार काफी प्रभावित हुआ है. कच्चा माल होने की वजह से देवघर व घोरमारा के बाजार में कई दुकानों में पेड़ा का स्टॉक नहीं बिकने से दुकानदारों को नुकसान हो रहा है. पेड़ा-चूड़ा प्रसादी विक्रेता संघ के अध्यक्ष हनुमान प्रसाद केशरी ने बताया कि पिछले 10-12 वर्षों में ऐसा श्रावणी मेले का बाजार नहीं देखे थे. एक महीने में शुरुआत में 15 दिन सावन का बाजार भी ठीक से नहीं चला व शेष 15 दिन मलमास का मेला तो ठप रहा. पिछले वर्ष के मुकाबले 20 फीसदी भी कारोबार नहीं हुआ है. 19 वर्ष पहले मलमास के साथ श्रावणी मेला का अनुभव को देखते हुए इस बार पेड़ा दुकानदारों ने स्टॉक कम रखा था, लेकिन दुकानों में बिक्री के लिए जितने पेड़े हैं वे भी नहीं बिक रहे हैं.

हर दिन डेढ़ करोड़ से दो करोड़ का ही कारोबार

संताल परगना चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष आलोक मल्लिक ने कहा कि सावन में अमूमन अगर महीने भर का औसत निकालें तो स्थानीय बाजार से प्रतिदिन लगभग एक से डेढ़ करोड़ से ज्यादा की खरीददारी नहीं हुई है, जबकि पहले मेले में बाजार श्रद्धालुओं से पटा रहता था व हर दिन 20 से 25 करोड़ का कारोबार होता था. पहले के मुकाबले एक चौथाई भी कारोबार नहीं हो रहा है. अभी खरीदारी व श्रद्धालुओं की यात्रा में भारी कमी है. हॉस्पिटैलिटी बिजनेस भी प्रभावित है. व्यापारी, फुटकर विक्रेताओं और मेला के समय आस लगाये छोटे-छोटे दुकानदारों को काफी निराशा हुई है. दुकानदारों को अंतिम 15 दिन के मेला पर उम्मीद है.

कर्ज में डूबने के कगार पर कई दुकानदार

बैद्यनाथ चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पंकज पंडित ने कहा कि मेला क्षेत्र में कई दुकानदारों ने कर्ज लेकर दुकानें की हैं. कपड़ा, खिलौने, बद्धी माला, सिंदूर, फोटो, चूड़ी की दुकानों में पिछले वर्ष की तुलना में 25 फीसदी भी बिक्री नहीं हो रही है. किराये पर कई दुकानदारों ने दुकानें खोली हैं. मोटी पूंजी के साथ दुकान में कर्मचारियों को भी रखा है. अपेक्षा से कम कारोबार होने से कई दुकानदार कर्ज में डूबने के कगार पर हैं.

25 फीसदी रह गया होटल व भोजनालय का कारोबार

देवघर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रवि केशरी ने कहा कि श्रद्धालुओं की संख्या कम होने से पिछले वर्ष की तुलना में होटल व भोजनालय के कारोबार में 75 फीसदी गिरावट आ गयी है. 25 फीसदी ही होटल के कमरों की बुकिंग हो रही है. श्रद्धालुओं की गाड़ियों की पार्किंग शहर से दूर रहने के कारण श्रद्धालु होटल में नहीं रुकते हैं. यही वजह से शहर के भोजनालय भी नहीं चल रहे हैं. प्रशासन को पूरी व्यवस्था के साथ देवघर शहर के नजदीक पार्किंग की व्यवस्था करनी चाहिए. इस वर्ष मेले में हर सेक्टर का व्यवसाय प्रभावित हुआ है.

मेले में खाद्यान्न सामग्री की 50 फीसदी बिक्री घटी

जिला खुदरा दुकानदार संघ के सचिव संजय बरनवाल ने बताया कि पिछले वर्ष के श्रावणी मेले की तुलना में इस वर्ष मेले में 50 फीसदी खाद्यान्न की बिक्री घट गयी है. श्रद्धालुओं का फ्लो घटने से भोजनालय भी सही तरीके से नहीं चल रहा है. कई भोजनालय संचालक पहले मेला में रोजाना राशन लेकर जाते थे, वे सप्ताह में एक बार सामान लेने आ रहे हैं.

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