देवघर : बाघमारा स्थित 40 करोड़ के इंटरस्टेट बस टर्मिनल (आइएसबीटी) में प्राइवेट बस स्टैंड से तीन गुणा अधिक बसें खड़ी करने की क्षमता है. आइएसबीटी में एक साथ 109 बसों की पार्किंग की जा सकती है, जबकि प्राइवेट बस स्टैंड में एक साथ महज 30 बसों को ही खड़े करने की क्षमता है. वहीं एरिया में भी आइएसबीटी प्राइवेट बस स्टैंड से 20 गुणा अधिक बड़ा है. आइएसबीटी 20 एकड़ एरिया में बना है, जबकि प्राइवेट बस स्टैंड डेढ़ एकड़ भूमि पर ही सिमटा है. श्रावणी मेला सहित त्योहारों में प्राइवेट बस स्टैंड में यात्रियों को भीड़ में काफी परेशानी होती है. प्राइवेट बस स्टैंड में यात्रियों के बैठने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है. प्राइवेट बस स्टैंड परिसर में गंदगी पसरी रहती है. रात्रि में यात्री भी यहां सुरक्षित नहीं हैं. कई बार यात्रियों के साथ झपटमारी व छिनतई की घटना पूर्व में हो चुकी है. बस स्टैंड में त्योहारों के दिन भीड़ बढ़ने पर यात्रियों के खड़े रहने के लिए भी जगह नहीं मिल पाती है. बरसात व धूप में यात्रियों को बस स्टैंड के बाहर सड़कों पर खड़ा रहना पड़ता है. बस स्टैंड में जगह कम रहने से सारवां रोड पर रोजाना एक दर्जन से अधिक बसें दिन-रात खड़ी रहती हैं. सड़कों पर ही यात्रियों को बैठाया जाता है. इससे सड़क पर यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है.
देवघर प्राइवेट बस स्टैंड में पर्याप्त जगह नहीं रहने के बाद भी इंटर स्टेट बसें यहां से खुलती हैं, जिसमें देवघर से कोलकाता, पटना, सिलीगुड़ी, पूर्णियां, भागलपुर, आसानसोल, जमशेदपुर, सुल्तानगंज सहित नेपाल बार्डर तक की बसें शामिल हैं. रात में बसों की पार्किंग के लिए जगह कम पड़ जाती है. जगह के अभाव में कई वर्षों से इंटर स्टेट बसों की संख्या यहां नहीं बढ़ रही है. बताया जाता है कि पहले यहां से दरभंगा सहित बिहार के कई जिलों के लिए बसें खुलती थीं. साथ ही कोलकाता, आसनसोल व पुरुलिया की भी कई बसें देवघर से खुलती थीं, लेकिन अब देवघर बस स्टैंड में जगह कम पड़ गयी है. अब सिर्फ श्रावणी मेले में बिहार के गिने-चुने जिलों तक के लिए ही देवघर से बसें खुलती हैं. दूसरी ओर पर्याप्त जगह होने के कारण आइएसबीटी से बसों का परिचालन शुरू होने से इंटर स्टेट बसों की संख्या भी बढ़ सकती है.
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