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देवघर सेंट्रल जेल में भी गूंज रहे छठ के गीत, सजावार बंदी कर रहीं व्रत

छठ पर्व को लेकर व्रतियों के घर छठ के गीतों से गूंज रहे हैं. यह पर्व पारिवारिक व सामाजिक एकता को भी दर्शा रहा है, जहां घर वालों से लेकर मोहल्ले व समाज के लोग पूरे भक्तिभाव में पूजा में जुटे हुए हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | November 18, 2023 7:46 AM

छठ को लेकर देवघर सेंट्रल जेल में भी पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है. हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी देवघर सेंट्रल जेल की एक सजावार महिला बंदी रिमझिम देवी छठ पूजा कर रही हैं. इससे केंद्रीय कारा के अन्य बंदी भी भक्ति में सराबोर हैं. जेल में सुबह-शाम छठी मइया के गीत गूंजने लगे हैं. नहाय-खाय के साथ व्रत की शुरुआत रिमझिम देवी ने की. व्रती को नहाय- खाय के लिए लौकी, कपड़े, दूध, नारियल, सूप, फल, आदि पूजन सामग्री जेल प्रशासन की ओर से उपलब्ध करायी गयी है. जेल के अंदर ही छठ घाट बनाया गया है. अर्घ्य देने के लिए एक गड्ढा खोदकर उसमें प्लास्टिक डालकर पानी भरा जायेगा. वैसे कैदी जो छठ पूजा नहीं कर रहे हैं, वह भी सहयोग कर रहे हैं. ताकि व्रत करने वालों को किसी भी तरह तकलीफ नहीं हो. छठ महापर्व को लेकर जेल के अंदर बने छठ घाट और जेल परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है. जेल प्रशासन के अनुसार छठ महापर्व में व्रतियों की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. जेल अधीक्षक सीपी सुमन ने बताया कि रिमझिम को बहू की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है. छठ महापर्व में उनके व्रत के लिए प्रसाद से लेकर पूजा सामग्री तक जेल प्रशासन मुहैया करा रहा है.


व्रतियों के घरों में छठ पर्व का उत्साह, खरना आज

छठ पर्व को लेकर व्रतियों के घर छठ के गीतों से गूंज रहे हैं. यह पर्व पारिवारिक व सामाजिक एकता को भी दर्शा रहा है, जहां घर वालों से लेकर मोहल्ले व समाज के लोग पूरे भक्तिभाव में पूजा में जुटे हुए हैं. चार दिनाें तक चलने वाले इस महापर्व की शुक्रवार को स्नान-ध्यान और कद्दू-भात के साथ शुरुआत हो गयी. पहले दिन स्नान ध्यान और शुद्ध होकर व्रतियों ने अरवा चावल का भात और कद्दू का प्रसाद बनाया, फिर भगवान भास्कर को भोग लगाकर ग्रहण किया. शनिवार को खरना को लेकर व्रतियों के घरों में गेहूं सुखाने में लोग जुटे दिखे. शाम में में खरना का प्रसाद बनाया जायेगा. व्रती अपनी-अपनी परंपरा के अनुसार, खीर-पूरी, खीर-रोटी व केवल खीर बनायेंगे. व्रतियों द्वारा भोग लगाने व खुद प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जायेगा. रविवार की शाम अस्ताचलगामी और सोमवार की सुबह उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ पर्व का निस्तार हो जायेगा. छठ पूजा को लेकर व्रतियों के घरों व मोहल्लों में उत्साह का माहौल है.

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