देवघर : बेटी की शादी के लिए बैंक में रखे थे 2.23 लाख, साइबर ठगी का हुए शिकार
देवघर साइबर थाना की पुलिस ने गुप्त सूचना सोमवार की रात सारवां थाना क्षेत्र अंतर्गत खरकाना, पथरड्डा ओपी के ग्राम करहैया व मारगोमुंडा थाना क्षेत्र के जमुनियांटांड़ इलाके में छापेमारी तीन साइबर आरोपितों को गिरफ्तार किया है.
देवघर : बेटी की शादी के लिए पाई-पाई जोड़ कर एसबीआइ के खाता में बुजुर्ग द्वारा रखे गये सवा दो लाख रुपये की साइबर ठगी हो गयी. ठगी के शिकार बुजुर्ग ने सोमवार को साइबर थाना में शिकायत देकर पुलिस से कार्रवाई करने व रुपयों की रिकवरी कराने की मांग की है. आवेदन लेने के बाद साइबर थाना की पुलिस ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. इस संबंध में भुक्तभोगी गोपाल प्रसाद ने बताया कि उन्होंने बड़े कष्ट से अपने बैंक खाते में बेटी व भतीजी की शादी के लिए 2.35 लाख रुपये जमा कर रखे थे. इस साल बेटी और भतीजी की शादी होनी है. उसने मोबाइल मार्केटिंग एप के माध्यम से कुछ सामान की खरीदारी की थी. सामान पसंद नहीं होने के कारण लौटाने का प्रयास किया. जानकारी के अभाव उन्होंने ऑनलाइन नंबर अरेंज कर फोन किया. फोन रिसिव करने वाले ने खुद को एप का अधिकारी बता कर सामान के बदले पैसे रिफंड करने की बात कह कर उन्हें झांसे में ले लिया. इसके बाद यूपीआइ नंबर के अलावा खाते से जुड़ी जानकारी व ओटीपी नंबर लेकर कुछ मिनटों में ही उसके खाते 2.23 लाख रुपये की अवैध निकासी कर ली. इस घटना के बाद से बुजुर्ग व उनका पूरा परिवार सदमे में है. साइबर पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हुई है.
देवघर साइबर थाना की पुलिस ने गुप्त सूचना सोमवार की रात सारवां थाना क्षेत्र अंतर्गत खरकाना, पथरड्डा ओपी के ग्राम करहैया व मारगोमुंडा थाना क्षेत्र के जमुनियांटांड़ इलाके में छापेमारी तीन साइबर आरोपितों को गिरफ्तार किया है. इनमें खरकाना निवासी कृष्ण कुमार राय, करहैया निवासी छोटू कुमार दास व जमुनियाटांड़ निवासी मुश्ताक अंसारी के नाम शामिल हैं. पुलिस ने इन तीनों के पास से सात मोबाइल फोन व नौ फर्जी सिम कार्ड बरामद किये हैं. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पूछताछ की. उसी दौरान आरोपियों ने बताया कि वे एयरटेल पेमेंट बैंक व फोन कस्टमर केयर पदाधिकारी बन कर लोगों को कैश बैक का झांसा देकर तथा आम सहायता के रूप में फंसे हुए रुपयों को वापस दिलाने के नाम पर झांसे में लेकर उनसे ठगी करते हैं. इतना ही नहीं क्रेडिट कस्टमर केयर पदाधिकारी बनकर भी उपभोक्ताओं को क्रेडिट कार्ड बंद होने का भय दिखा कर उनसे साइबर ठगी करते थे. इस मामले में पुलिस ने पूछताछ किये जाने व मोबाइल रिकवरी के बाद उक्त तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. यह जानकारी साइबर डीएसपी विजय कुमार कुशवाहा ने दी.