झारखंड में क्राइम कंट्रोल का नायाब तरीका! अपराधियों को पकड़ने की जगह दुकानें बंद करा रही देवघर पुलिस
दुकान बंद कराने जो पदाधिकारी, पुलिसकर्मी आते हैं, वो कहते हैं कि बड़ा बाबू का आदेश है दुकान को बंद कर दीजिये. हालांकि इस सबंध में कोई भी अधिकारी कुछ बताने से पीछे हट रहे हैं. हाल के दिनों में शहर में चोरी, छिनतई बढ़ी है, लेकिन पुलिस अपराधियों को पकड़ने के बजाय अब दुकानों को बंद कराने में लगी है.
देवघर पुलिस ने अपराध नियंत्रण का नायाब तरीका खोज निकाला है. इसके तहत शहर में टावर चौक सहित प्राइवेट बस स्टैंड के समीप रात भर खुली रहनेवाली दुकानों को पुलिस घूम-घूमकर बंद करा रही है. इसके पीछे पुलिस का तर्क है कि रात में दुकानें खुली रहने से चोरी, छिनतई सहित अपराध शहर में बढ़ रहा है. दुकानें बंद रहेगी तो अपराधी शहर में नहीं आयेंगे. इधर दो दिनों से नगर पुलिस टावर चौक समेत प्राइवेट बस स्टैंड के समीप घूमकर दुकानों को करीब 11:30 बजे रात में ही बंद करा दे रही है. दुकान बंद कराने जो पदाधिकारी, पुलिसकर्मी आते हैं, वो कहते हैं कि बड़ा बाबू का आदेश है दुकान को बंद कर दीजिये. हालांकि इस सबंध में कोई भी अधिकारी कुछ बताने से पीछे हट रहे हैं. हाल के दिनों में शहर में चोरी, छिनतई बढ़ी है, लेकिन पुलिस अपराधियों को पकड़ने के बजाय अब दुकानों को बंद कराने में लगी है. इससे पुलिस की कार्यशैली पर ही सवाल उठने लगे हैं.
टावर चौक व बस स्टैंड के आसपास के कई दुकानदारों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि करीब 50 साल से देवघर के टावर चौक व प्राइवेट बस स्टैंड के आसपास की आधा दर्जन दुकानें रात भर खुली रहती हैं. देर रात में अगर कोई श्रद्धालु या शहर के लोग बाहर से आकर ऑटो या नाइट बस से उतरते हैं तो इन दुकानों पर बैठकर समय बिताते हैं. वहीं, मरीजों व उनके परिजनों के लिए रात में खुली दुकानें बहुत बड़ा सहारा होती हैं. ऐसे में पुलिस को दुकानें बंद करने की जगह अपराधियों को पकड़ना चाहिए.
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