देवघर बाबाधाम में रोजाना हजारों श्रद्धालु बाबा की पूजा करने आते हैं तथा सालों भर पर्यटकों की भी आना लगा रहता है. इनकी सुविधा के लिए शहर में जगह-जगह सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालय बनाये गये हैं, लेकिन देख-रेख के अभाव में इसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. कई जगहों पर दुर्गंध से लोगों को काफी परेशानी होती है, तो कई शौचालयों में हमेशा ताला लटका रहता है. इससे स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है. शहर के अलग-अलग हिस्सों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कुल 34 शौचालयों का निर्माण किया गया है. आमलोगों की सुविधा के लिए बनवाये गये शौचालय की लगातार अनदेखी करने से स्थिति बदहाल बनी हुई है. 50 फीसदी से ज्यादा शौचालय सिर्फ श्रावणी मेला व भादो मेला के दौरान ही खुलते हैं. वहीं जो सार्वजनिक शौचालय खुले रहते हैं, वहां जाने से लोग कतराते हैं. क्योंकि यहां साफ-सफाई का अभाव है. शौचालयों में साफ-सफाई, बिजली, टूटे हुए दरवाजे की मरम्मत, टॉयलेट व पानी की व्यवस्था का अभाव दिखता है. स्वच्छता अभियान के तहत लाखों रुपये खर्च कर कई जगहों पर नये शौचालय का निर्माण भी हाल के वर्षों में कराया गया है. प्राइवेट बस स्टैंड कैंपस, टावर चौक स्थित शौचालय की व्यवस्था तो कुछ हद तक ठीक है, लेकिन मूत्रालय की स्थिति दयनीय है. नियमित साफ-सफाई के अभाव में दुर्गंध से लोगों को परेशानी होती है. वहीं आसपास के लोग भी परेशान रहते हैं. कहीं दरवाजे टूटे हैं, तो कहीं मग ही नहीं सार्वजनिक शौचालयों में दरवाजाें की स्थिति ठीक नहीं है. अधिकांश जगहों पर दरवाजे टूटा हुए हैं, तो कहीं बल्टी से मग ही गायब है. खासकर महिला सेक्शन की स्थिति और भी दयनीय है. शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिलता है.
देवघर नगर निगम के सिटी मैनेजर मृणाल कुमार ने कहा कि सार्वजनिक सहित सामुदायिक 34 शौचालयों की ग्रेडिंग की जा रही है. ग्रेडिंग के आधार पर उसका जीर्णोद्धार किया जायेगा. महिला व पुरुषों के अलावा बच्चों के लिए टॉयलेट को उपयोगी बनाया जायेगा. ताकि आमलोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो.
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