देवघर: रोपवे में हुई दुर्घटना के दूसरे दिन प्रशासन व ग्रामीणों की मदद से 32 लोगों को ट्रोली से सुरक्षित निकाला गया. सोमवार की सुबह होते ही सेना के हेलीकॉप्टर त्रिकूट रोपवे पहुंच गया था. सेना की हेलीकॉप्टर आते ही लोगों में उम्मीद जग गयी थी कि अब रोपवे में फंसे पर्यटकों को जल्द निकाल लिया जायेगा. लेकिन मैनुअल रेस्क्यू के दौरान स्थानीय युवक पन्नालाल पंजियारा को देख सेना के हौसले भी बढ़ गये.
शुरुआत में बसडीहा गांव के रहने वाले पन्नालाल पंजियारा अपनी टीम के साथ मेंटेनेंस रोप-वे के जरिये दो ट्रॉली तक पहुंच गये और दस पर्यटकों को नीचे उतार लिया. पन्नालाल के साथ उनके टीम के बसडीहा निवासी उमेश सिंह, उपेंद्र विश्वकर्मा, नरेश गुप्ता व शिलावर चौधरी नीचे से रस्सी पकड़े हुए रहा व कुर्सी भेजकर एक-एक कर सभी पर्यटक को आसानी से बाहर निकाल लिया.
Also Read: देवघर हादसे में फंसे शुभम ने सुनायी आपबीती, कहा- अब दोबारा रोपवे पर नहीं चढ़ेंगे
स्थानीय युवक के इस हौसले को देखते इंडियन आर्मी के जवान भी टावर पर चढ़ गये व सहयोग किया. पन्नालाल बताते हैं कि रोप-वे में काम करने के दौरान वे लोग रेस्क्यू करने सीख गये हैं. पहले भी उनलोगों ने गंगटोक, अरुणाचल प्रदेश इलाके के रोप-वे में रेस्कयु का काम कर चुके हैं. हालांकि, देर शाम सेना का तीसरा हेलीकॉप्टर रांची से आया और रेस्क्यू का मुआयना कर वापस लौट गयी.
Posted By: Sameer Oraon