देवघर: देवघर त्रिकूट रोपवे हादसे में आज सुबह से ही रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. सबह से चल रहे अभियान में अब तक 9 लोगों को बचा लिया गया है जबकि 7 लोग अब भी फंसे हुए हैं. कुल 42 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. वायुसेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, पुलिस बल मिलकर लगातार रेस्क्यू में जुटे हैं.
एयरलिफ्ट के दौरान हेलीकॉप्टर में घुसने से पहले एक सेफ्टी बेल्ट खुल जाने के कारण एक युवक 860 फीट खाई में गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गयी. इस तरह हादसे में मरनेवालों की संख्या अब तक दो हो गयी है. मृतक राकेश मंडल (36) दुमका जिला के सरैयाहाट थाना क्षेत्र के ककनी गांव का रहनेवाला था. वह शिकारीपाड़ा में रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत था.
युवक की मौत के बाद शाम छह बजे रेस्क्यू ऑपरेशन रोक देना पड़ा. इससे पहले सुबह 11:00 बजे से एयरफोर्स के जवान जहां हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट करने में लगे थे. वहीं स्थानीय लोगों की मदद से एनडीआरएफ व आइटीबीपी की टीम ने मैनुअल रेस्क्यू कर रस्सी के सहारे पांच बच्चियों सहित 10 लोगों को ट्रॉली से नीचे उतारा. गृह मंत्रालय के निर्देश पर रांची व कलईकुंड से आये वायु सेना के एक-एक हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू शुरू किया गया.
इस दौरान एक-एक कर ट्रॉली में फंसे पर्यटकों को बाहर निकाला जा रहा था. शाम 5:00 बजे वायु सेना के दोनों हेलीकॉप्टर को रेस्क्यू में लगा दिया गया. शाम करीब 5:35 बजे एक ट्रॉली में सवार चार लोगों में से दो लोगों को एक हेलीकॉप्टर से निकाल लिया गया था और दूसरे हेलीकॉप्टर से मृतक की एक पहचान वाली महिला को पहले निकाला गया. उसके बाद राकेश को रेस्क्यू किया जा रहा था.
एयरफाेर्स के हेलीकॉप्टर का रेस्क्यू शुरू होने से पहले स्थानीय ग्रामीणों की टीम ने पूरी सजगता के साथ रस्सी और सेफ्टी बेल्ट के साथ कुर्सी के जरिए दो ट्रॉली से 11 पर्यटकों को खुद रेस्क्यू कर सुरक्षित नीचे उतार लिया. इसमें स्थानीय गांव के रहने वाले पन्नालाल लीड रोल निभाते हुए रस्सी के जरिए ट्रॉली पर गये और एक-एक कर दोनों ट्रॉली से 11 पर्यटकों को महिला व बच्चा समेत सुरक्षित नीचे उतारा. पन्नालाल के साथ करीब आठ अन्य ग्रामीण, एनडीआरएफ तथा आइटीबीपी के जवान सहयोग कर रहे थे.
अंधेरा होने के बाद जब एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर वापस लौट कर नहीं आया , तो पर्यटन मंत्री हफीजुल हसन, आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल, एडीजी आरके मल्लिक, पर्यटन सचिव राहुल कुमार सिन्हा, देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री और एसपी सुभाष चंद्र जाट ने आंतरिक बैठक की. आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि दो ट्रॉली में शेष फंसे हुए लोगों को मंगलवार सुबह ही वायुसेना के हेलीकॉप्टर से निकाला जा सकता है, क्योंकि ट्रॉली काफी ऊंचाई में है, ऐसी परिस्थिति में रात में मैनुअल तरीके से निकालना काफी मुश्किल होगा.
रविवार की शाम करीब 4:30 बजे घटना के बाद से ही देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री, एसपी सुभाष चंद्र जाट, एसडीओ दिनेश यादव व अन्य अधिकारी रातभर त्रिकूट रोप-वे के नीचे जमे रहे. वहीं सांसद डॉ निशिकांत दुबे खाट लगाकर पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर लगाये हुए थे.
रेस्क्यू के दौरान राकेश का सेफ्टी बेल्ट खुलकर गरदन के पास आ गया. राकेश ने अपने हाथों से हेलीकॉप्टर को थाम लिया, लेकिन करीब दो मिनट के बाद हाथ छूट गया और वह नीचे खाई में जा गिरा. घटना के बाद मृतक की पहचानवाली महिला अनिता कुमारी बेहोश हो गयी. इस हादसे के बाद रोपवे के नीचे थोड़ी हंगामे की स्थिति हो गयी. इसके बाद प्रशासन ने मोर्चा संभाल लिया. मृतक के शव को खाई से निकाल कर सदर अस्पताल भेज दिया गया. घटना से पहले इसी ट्रॉली से तीन लोगों को ही बाहर निकाला गया था. उसके बाद अंधेरा होने के कारण वायु सेना का रेस्क्यू रोक दिया गया.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देवघर जिला स्थित त्रिकूट पर्वत के रोपवे का तार टूटने से हुए हादसे पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने कहा है कि घटना की उच्चस्तरीय जांच करायी जायेगी. त्रिकूट पहाड़ पर हुई घटना और इसमें हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. उन्होंने कहा कि हादसे के बाद युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है. एनडीआरएफ और बचाव दल द्वारा लोगों को सकुशल निकालने का प्रयास जारी है. इसमें विशेषज्ञों की भी सहायता ली जा रही है. इस हादसे पर सरकार की पूरी नजर है.
Posted By: Sameer Oraon