देवघर : कचरा चुन रहा था सफाई कर्मी का पुत्र, जेसीबी चालक ने नहीं देखा, कुचलकर बच्चे की मौत

आक्रोशित लोग जेसीबी चालक को बुलाने की मांग कर रहे थे. वे जेसीबी सहित सफाई टिपरों में आग लगाने की भी धमकी दे रहे थे. जाम के दौरान करीब चार घंटे तक इस रोड पर आवागमन पूरी तरह बाधित रहा.

By Prabhat Khabar News Desk | January 13, 2024 6:26 AM

देवघर : देवघर नगर निगम कार्यालय के पीछे स्थित सफाई एजेंसी के कचरा डिपो (पूर्व में स्टेट बस डिपो) में कचरा चुन रहे एक दैनिक वेतनभोगी सफाईकर्मी मुन्ना मल्लिक का 10 वर्षीय बेटा प्रेम की जेसीबी से कुचलकर मौत हो गयी. बताया जाता है कि बच्चा डिपो में कचरा चुन रहा था. तभी कचरा को हटाने के लिए चालक ने जेसीबी को चलाया, इस दौरान चालक ने बच्चे को नहीं देखा. इससे मिट्टी हटाने वाले अगले हिस्से से कुचलकर बच्चे की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. यह घटना शुक्रवार की दोपहर करीब 12 बजे हुई. वह वार्ड नंबर-13 राजाबगीचा का रहनेवाला था. इसकी जानकारी मिलते ही मृतक के माता-पिता सहित सभी परिजन व रिश्तेदार मौके पर पहुंचे और बच्चे को उठाकर सीधे सदर अस्पताल ले गये, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.

जेसीबी चालक को बुलाने की मांग पर अड़े थे आक्रोशित परिजन

इसके बाद वे मृत बच्चे को लेकर घटनास्थल पर लौटे और जेसीबी में तोड़-फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया. इसके बाद कचरा लोड टीपरों को बीच सड़क पर खड़ी कर कॉलेज रोड को कचरा डिपो के सामने ही जाम कर दिया. इस दौरान मृतक परिजन, रिश्तेदार व अन्य सफाईकर्मी काफी गुस्से में थे. आक्रोशित लोग जेसीबी चालक को बुलाने की मांग कर रहे थे. वे जेसीबी सहित सफाई टिपरों में आग लगाने की भी धमकी दे रहे थे. जाम के दौरान करीब चार घंटे तक इस रोड पर आवागमन पूरी तरह बाधित रहा. बाइक तक को भी आक्रोशित सफाईकर्मी जाने नहीं दे रहे थे. घटना के एक घंटे के बाद नगर थाने की पुलिस व पीसीआर टीम घटनास्थल पहुंची.

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उन्होंने आक्रोशितों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे लोग मानने को तैयार नहीं थे. बाद में करीब ढाई बजे झारखंड लोकल बॉडिज इंप्लाइज फेडरेशन के जिलाध्यक्ष संजय मंडल आये और मृतक परिजन को 10 लाख रुपये सफाई एजेंसी से मुआवजा दिलाने, जेसीबी जब्त कर चालक पर कार्रवाई कराने की मांग की. इसी बीच नगर थाना प्रभारी राजीव कुमार भी पहुंचे. थाना प्रभारी ने मृतक परिजनों से लिखित आवेदन मांगते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया, बावजूद मृतक परिजन व अन्य सफाईकर्मी जाम हटाने से तैयार नहीं हुए.

निगम कार्यालय में हुई 45 मिनट की वार्ता

दोपहर करीब 3:30 बजे मृतक के माता-पिता को लेकर फेडरेशन के अध्यक्ष व नगर थानेदार निगम कार्यालय पहुंचे. निगम कार्यालय में नगर प्रबंधक प्रकाश मिश्रा व सतीश कुमार के साथ करीब 45 मिनट तक वार्ता चली. मुआवजे राशि 10 लाख रुपये से आकर ढाई लाख तक सिमटी. अंत में सफाई एजेंसी से सवा लाख रुपये मृतक परिजन को मुआवजा भुगतान कराने पर सहमति बनी. इसके बाद करीब 4:15 बजे सड़क जाम हटाया गया. पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. वहीं पुलिस ने जेसीबी को जब्त कर लिया. साथ ही मृतक के पिता मुन्ना मल्लिक ने घटना को लेकर लिखित शिकायत नगर थाने में देकर जेसीबी चालक मनोज यादव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

पिता का आरोप : नशे में था जसीबी मशीन का चालक, लगाये हुए था हेडफोन

पिता का आरोप है कि उसका बेटा प्रेम करीब 11:30 बजे एमएसडब्ल्यूएम सफाई एजेंसी के डिपो में खेलने गया था, तभी शराब के नशे में कान में हेडफोन लगाकर चालक मनोज जेसीबी मशीन चला रहा था. उसी जेसीबी की चपेट में प्रेम आ गया. उसके चिल्लाने पर भी हेड फोन लगा रखे नशे में जेसीबी मशीन चला रहे मनोज ने नहीं सुनी और बेटे की उसी जेसीबी के मिट्टी हटाने वाले अगले हिस्से से कुचलकर घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. इधर, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सफाईकर्मी के कुछ बच्चे कचरा चुन रहे थे. उसी दौरान यह हादसा हो गया. वार्ता के दौरान निवर्तमान वार्ड पार्षद मृत्युंजय कुमार सहित अन्य सफाईकर्मी भी थे. वहीं विधि व्यवस्था में एसआइ ओपी सिंह, अनुप कुमार, एएसआई नागेंद्र सिंह, जमशेद आलम सहित काफी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहे.

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