Sawan 2023: बाबा नगरी में लगातार हो रही बारिश से मौसम सुहावना हो गया है. इसका फायदा कांवरियों को मिल रहा है. सुहावने मौसम में कांवरिये झूमते हुए बाबाधाम पहुंच रहे हैं. कांवर यात्रा में उन्हें थकावट का एहसास कम हो रहा है. यह उनके चेहरे पर साफ देखा जा सकता है. उत्सहित कांवरिये बोलबम का जयकारा लगाते हुए शिवगंगा पहुंच रहे हैं. यहां शिवगंगा में स्नान करने के बाद जल को संकल्प कराकर बाबा मंदिर में जलार्पण करने के लिए तेजी से कतार में जाते दिख रहे थे. अरघा के माध्यम से जलार्पण व बाबा भोलेनाथ का दर्शन कर मंदिर के निकास द्वार से बाहर निकलते ही हुए उनकी खुशी साफ देखी जा सकती है.
हर दिन की तरह मंगलवार को बाबा मंदिर का पट सुबह सवा तीन बजे खुला तथा परंपरा के अनुसार पहले शक्ति की देवी मां काली की पूजा की गयी. मां काली मंदिर में पूजा के बाद बाबा मंदिर का पट खोला गया. पट खुलते ही बाबा का जयकारा लगा कर पुजारी व अन्य स्थानीय पुरोहित निकास द्वार से मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश किये. सबसे पहले पुजारी ने बीते रात को शृंगार पूजा में अर्पित पूजा सामग्री को हटा कर कांचा जल पूजा शुरू की गयी. कांचा जल पूजा के बाद दैनिक सरदारी पूजा शुरू की गयी. करीब 40 मिनट तक षोड्शोपचार विधि से पूजा के दौरान पुजारी ने बाबा का दुग्धभिषेक करने के पश्चात दही, घी, मधू, शक्कर, पंचामृत आदि अर्पित करने के बाद बाबा पर जेनऊ, वस्त्र आदि चढ़ाये. उसके बाद बाबा को बेलपत्र व फूलों से ढक कर भोग अर्पित कर इस पूजा को संपन्न किया गया. इसके बाद आम भक्तों का जलार्पण प्रारंभ कराया गया.
मानसरोवर से ही दी गयी इंट्री
भीड़ कम होने के कारण पट खुलने के पूर्व कांवरियों को मानसरोवर हनुमान मंदिर चौक से इंट्री की व्यवस्था थी, वहीं पट खुलने के आधे घंटे बाद से मंदिर का पट बंद होने तक मानसरोवर से ही भक्तों को बाबा मंदिर के गर्भ तक भेजने की व्यवस्था जारी रही.
वाहनों से गुलजार हो रहा अंतरराज्यीय बस अड्डा
श्रावणी मेला में पहली बार अंतरराज्यीय बस अड्डा को छोटी गाड़ियाें की पार्किंग के लिए खोला गया. इससे देवघर शहरी क्षेत्रों में जाम की स्थिति कम हुई है. देवघर के अंतरराज्यीय बस अड्डे में देश के विभिन्न जगहों से आनेवाली छोटी गाड़ियों का ठहराव किया जा रहा है. इस कारण बस अड्डा गाड़ियों से गुलजार हो रहा है.
श्रावणी मेले के दौरान अबतक 1,25,798 लोगों का हुआ इलाज
श्रावणी मेले के दौरान बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से 32 स्थायी व अस्थायी शिविरों को संचालित किया जा रहा है. मेला की शुरुआत चार जुलाई से सात अगस्त तक इन स्वास्थ्य केंद्रों में कुल 1,25,798 श्रद्धालुओं का इलाज किया गया, जिसमें 1207 कांवरियों को भर्ती किया गया. वहीं मेला के दौरान अबतक छह कांवरियों की मौत हो चुकी है. विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के सीतामढ़ी की 14 वर्षीय किशोरी जुही कुमारी, गिरिडीह के 40 वर्षीय संजीव कुमार बर्मा, ओडिसा की 65 वर्षीय महिला सुलोचना विसवाल, इलाहाबाद के लालजी सिंह, पश्चिम बंगाल के 40 वर्षीय दिलीप सरकार तथा एमपी फतेहपुर के 85 वर्षीय शंकरलाल की मौत हुई है. वहीं मेले के दौरान जिन 1,25,798 श्रद्धालुओं का इलाज किया गया, उनमें 86,634 पुरुष, 32,259 महिलाएं तथा 6,946 बच्चे शामिल हैं. शिविरों में 757 पुरुषों, 449 महिलाओं व एक बच्चे का इलाज किया गया है.
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