Loading election data...

विधानसभा में संताल से कमल थामने वाले अकेले विधायक होंगे देवेंद्र कुंवर

विधानसभा चुनाव-2024 में संताल परगना में भाजपा की चुनाव रणनीतिकार नहीं चले. उनकी चुनावी रणनीति फेल हो गयी. बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा हो या लव जेहाद या भ्रष्टाचार, कोई मुद्दा काम नहीं आया. इन मुद्दों को भाजपा आदिवासी वोटरों तक पहुंचाने में फेल रही. यही कारण है कि संताल परगना की 18 सीटों में महज एक कमल ही भाजपा खिला सकी.

By Prabhat Khabar News Desk | November 23, 2024 10:37 PM
an image

संजीत मंडल, देवघर : विधानसभा चुनाव-2024 में संताल परगना में भाजपा की चुनाव रणनीतिकार नहीं चले. उनकी चुनावी रणनीति फेल हो गयी. बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा हो या लव जेहाद या भ्रष्टाचार, कोई मुद्दा काम नहीं आया. इन मुद्दों को भाजपा आदिवासी वोटरों तक पहुंचाने में फेल रही. यही कारण है कि संताल परगना की 18 सीटों में महज एक कमल ही भाजपा खिला सकी. उनके सीटिंग सभी विधायक चुनाव हार गये, जबकि 2019 के चुनाव में संताल में भाजपा की चार सीटें थी. देवघर, सारठ, गोड्डा और राजमहल सीटों पर अच्छे अंतर से भाजपा प्रत्याशियों की हार हुई है. वहीं भाजपा की सहयोगी पार्टी आजसू संताल परगना में एक सीट पर लड़ रही थी, वह भी चुनाव हार गयी.

जरमुंडी में कांग्रेस के पूर्व मंत्री बादल को हराकर जीती भाजपा

जरमुंडी विधानसभा में इस बार का चुनाव परिणाम कांग्रेस के खिलाफ रहा है, यहां से भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र कुंवर भारी बढ़त से तीसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं. 1985 में अभयकांत प्रसाद और खुद देवेंद्र कुंवर 2000 में यहां कमल खिलाने में कामयाब रहे थे. इससे पहले 1995 में झामुमो से विधानसभा पहुंचे थे. इससे पहले जरमुंडी विस क्षेत्र से छह बार निर्दलीय, पांच बार कांग्रेस, दो बार भाजपा और एक बार झामुमो के प्रत्याशी इस क्षेत्र से विधायक चुने गए थे.

सामान्य सीट रहने के कारण दिलचस्प होता है जरमुंडी का मुकाबला

जरमुंडी विधानसभा सामान्य सीट रहने के कारण यहां का चुनाव हमेशा दिलचस्प रहा है. जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र दुमका और देवघर जिले के सारवां व सोनारायठाढ़ी प्रखंडों में फैला है. इसमें छह बार निर्दलीय, पांच बार कांग्रेस, दो बार भाजपा और एक बार झामुमो के प्रत्याशी इस क्षेत्र से विधायक चुने गये.1995 में झामुमो से देवेंद्र कुंवर विधायक चुने गये. देवेंद्र कुंवर पार्टी बदल कर लगातार दो बार यहां 1995 में झामुमो एवं 2000 में भाजपा से विधायक चुने गये.

संताल में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की भी हुई थी जनसभा

भाजपा ने संताल परगना के चुनाव प्रचार में कारपेट बांबिंग की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, असम के सीएम हिमांता बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित कई बड़े नेताओं की सभा हुई, लेकिन इन सभाओं की भीड़ वोट में तब्दील नहीं हो सकी.

भाजपा के चुनाव हारने वाले सीटिंग विधायक :

देवघर से नारायण दास, सारठ से रणधीर सिंह, राजमहल से अनंत ओझा और गोड्डा से अमित मंडल.————————–

संताल परगना में फेल हुई भाजपा की रणनीति, काम नहीं आया घुसपैठ और भ्रष्टाचार का मुद्दा

-देवेंद्र कुंवर तीसरी बार पहुंचे विधानसभा

-एनडीए के आजसू प्रत्याशी भी पाकुड़ से हारे

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version