Diwali 2022: दीपावली में दीया और पटाखा जलाते समय थोड़ी सी भी असावधानी त्योहार की खुशी को फीका कर सकती है. पटाखे से निकलने वाली चिनगारी से बड़ी घटना हो सकती है. इसे लेकर अग्निशमन विभाग की ओर से प्रभारी गोपाल यादव ने गाइडलाइन जारी किया है. इसमें कहा है कि पटाखा छोड़ते वक्त सावधानी बरतें. बच्चों को अपनी देखरेख में ही पटाखा जलाने की अनुमति दें. छत व खाली मैदान में पटाखा जलायें. पटाखा जलाते समय सबसे ज्यादा खतरा आंखों को रहता है, क्योंकि हम नजदीक जाकर पटाखा जलाते हैं. दीपावली में जोरदार आवाज के पटाखे जलाये जाते हैं. ज्यादा आवाजवाले पटाखे से आपके कान का परदा क्षतिग्रस्त हो सकता है. 140 डेसिबल से ज्यादा आवाज का पटाखा आपको बहरा बना सकता है.
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बहते हुए ठंडे पानी से धोयें
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जले हुए स्थान को रगड़ें नहीं
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फफोले बन जाने पर छेड़छाड़ नहीं करें
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किसी प्रकार की आगजनी की घटना हो तो अग्निशमन विभाग के नंबर 9304953442 पर कॉल करें.
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निश्चित दूरी से पटाखा जलायें
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बच्चों को अकेले पटाखा जलाने नहीं दें, साथ रहें
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अच्छे पटाखों का इस्तेमाल करें. बच्चों को खतरनाक पटाखा नहीं दें
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रॉकेट सावधानी से ऊपर की तरफ छोड़ें
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पटाखा जलाते समय बाल्टी में पानी भी रखें
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पटाखा खाली जगहों पर छोड़ें, जहां आग लगने का खतरा नहीं हो
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परदा समेटकर दीया व मोमबत्ती जलायें, खिड़की बंद रखें
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अगर आंख में कुछ भी पड़ जाये तो तुरंत ठंडा पानी से धोयें
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राहत नहीं मिलने पर तुरंत चिकित्सक से मिलें
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ज्यादा आवाज वाले पटाखे से बचें
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छोटे बच्चे, बुजुर्ग, बीमार एवं गर्भवती महिला पटाखा नहीं छोड़ें
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90 डेसिबल से नीचे की आवाज वाले पटाखे का ही उपयोग करें
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140 व 150 डेसिबलवाले पटाखे से कान का परदा फट सकता है.
पटाखे जलाते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. पूजा के दौरान आप अपनी पसंद के किसी भी तरह के कपड़े पहन सकते हैं, पर पटाखे छोड़ते समय सिंथेटिक कपड़े नहीं पहनना चाहिए. पटाखे जलाते समय कॉटन के कपड़े ही पहनने चाहिए. इसका ख्याल रखें कि ढीला-ढाला कपड़ा नहीं हो. हमेशा प्रोटेक्टिव कपड़े ही पहनें. महिलाओं को साड़ी के पल्लू को हमेशा बांध कर या लपेट कर ही पटाखा जलाना चाहिए.