देवघर के सदर हॉस्पिटल में डॉक्टर से मारपीट, चिकित्सकों ने दिया सामूहिक इस्तीफा,विरोध में सड़क पर उतरे लोग
देवघर सदर हॉस्पिटल में ऑन ड्यूटी डॉक्टर से मारपीट का मामला तूल पकड़ लिया है. जहां चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार किया और सामूहिक इस्तीफा दिया, वहीं लोगों ने भी चिकित्सकों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए सड़क पर उतर कर विरोध जताया.
Jharkhand News: देवघर सदर अस्पताल में ऑन ड्यूटी चिकित्सक डॉ कुंदन कुमार के साथ मरीज के परिजनों द्वारा मारपीट के बाद मंगलवार को बवाल मच गया. घटना के विरोध में झासा के डॉक्टरों ने आपात बैठक कर कार्य बहिष्कार करते हुए जिले भर के सरकारी और निजी अस्पतालों में ओपीडी ठप करा दिया. आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर 19 चिकित्सकों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया. डॉक्टर से मारपीट की घटना से चिकित्सक काफी नाराज हैं और लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इधर, जिले भर में ओपीडी ठप रहने से मरीजों को काफी परेशानी हुई. मरीज अस्पतालों में भटकते रहे. हालांकि, इमरजेंसी सेवा चालू रहने से थोड़ी राहत मिली. वहीं, शाम को मरीज के परिजनों के खिलाफ कार्रवाई होने के बाद अस्पताल में कुव्यवस्था व डॉक्टरों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए दर्जनों लोग सड़क पर उतर कर नारेबाजी की.
इमरजेंसी में डॉक्टर को नहीं देख भड़के परिजन
बताया जाता है कि मंगलवार की अहले सुबह करीब चार बजे राम मंदिर रोड मुहल्ला निवासी गणेश कुमार की स्कूटी के धक्के से राजाबाड़ी निवासी सुरेश मंडल घायल हो गये. सुरेश मंडल का पैर एवं कंधे की हड्डी टूट गयी, जबकि गणेश भी चोटिल हो गया. इसके बाद पीसीआर वैन ने दोनों को सदर अस्पताल पहुंचाया. इसकी जानकारी मिलने पर गणेश के परिजन भी अस्पताल पहुंचे. उन्होंने ऑन ड्यूटी चिकित्सक को बुलाया, लेकिन वे वार्ड में नहीं मिले. मंगलवार की अहले सुबह करीब 4:30 बजे इमरजेंसी ड्यूटी में डॉ कुंदन कुमार थे. वे रेस्ट रूम में सोये हुए थे. बाद में जब डॉक्टर इमरजेंसी में इलाज के लिए आये, तो इलाज में देरी से गुस्साये परिजनों ने डॉक्टर एवं अस्पताल स्टाफ के साथ मारपीट शुरू कर दी. इसकी सूचना मिलने पर नगर थाना की पुलिस अस्पताल पहुंची, तो मामला शांत होने की बजाय और भड़क गया. इस बीच चिकित्सक के सहयोगी व मरीज के परिजन आपस मे उलझ गये. यही नहीं बीच बचाव कर रहे पुलिस से ही सदर अस्पताल कर्मी उलझ गये.
झासा ने किया कार्य बहिष्कार
डॉक्टर से मारपीट की सूचना मिलते के बाद झासा ने सिविल सर्जन डॉ सीके शाही की अध्यक्षता में आपात बैठक की तथा घटना पर रोष जताते हुए कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया. चिकित्सकों ने कहा कि ऐसे वातावरण में वे लोग इलाज नहीं कर सकते हैं. उनका कहना था कि जब तक चिकित्सकों की सुरक्षा की गारंटी और अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा. इधर, आइएमए ने भी चिकित्सकों के समर्थन में कार्य बहिष्कार कर दिया है. उन्होंने कहा है कि सरकारी तथा निजी अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही चालू रहेंगी.
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सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ प्रभात रंजन ने नगर थाना प्रभारी के नाम आवेदन देकर इमरजेंसी में तैनात डॉ कुंदन व स्टाफ के साथ मारपीट के आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की है. इसके बाद आरोपित राम मंदिर रोड निवासी गणेश कुमार, निर्मला देवी, महादेव गुप्ता, रोशन कुमार व एक अन्य को नामजद बनाते हुए मामला दर्ज कर लिया गया. उधर नगर थाना की पुलिस मरीज के घर पहुंची व उसके पिता महादेव गुप्ता, बड़े भाई गणेश कुमार को हिरासत में लेकर थाना ले आयी. जहां घटना के बाबत पूछताछ की जा रही है. हालांकि पुलिस ने अभी तक किसी की गिरफ्तारी की बात नहीं कह रही है.
परिजनों का आरोप : डॉक्टर ने इलाज से इंकार करते हुए किया अभद्र व्यवहार
घटना को लेकर गणेश कुमार के नाना मोतीलाल भगत ने नगर थाना में शिकायत देकर इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात चिकित्सक पर कई आरोप लगाये हैं. अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि मंगलवार की सुबह उसका नाती गणेश कुमार बाजला चौक के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. घटना की सूचना मिलते ही बेटी निर्मला देवी को सदर अस्पताल पहुंचने को कहा. जब सभी लोग सुबह 4.30 बजे अस्पताल पहुंचे, तो ऑन ड्यूटी चिकित्सक के सोने की जानकारी मिली. डॉक्टर को जब उठाया गया तो वे अभद्र व्यवहार करने लगे और इलाज करने से इंकार करते हुए यहां से ले जाने की बात कही. उनकी बेटी ने डॉक्टर द्वारा इलाज से इनकार किये जाने पर घबरा कर अपने पति महादेव गुप्ता को बुलायी. तब तक डॉक्टर के परिचित वहां पहुंचे. यह सब देखकर कुछ पुलिस वाले भी वहां पहुंचे तो डॉक्टर के लोग उनके साथ भी अभद्र व्यवहार किये. इस बीच एक कंपाउंडर ने उनके नाती गणेश का इलाज किया. इस संदर्भ में श्री भगत ने उचित कार्रवाई की मांग की है.
डॉक्टर ने कहा : मुझे जान से मारने की धमकी दी गयी
डॉ कुंदन ने बताया कि मंगलवार की अहले सुबह करीब 4:30 बजे दो मरीजों को पुलिस ने इमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिए लायी थी. इलाज के दौरान मरीज के परिजनों ने उनके साथ मारपीट व गाली-गलौज किया. घायल गणेश कुमार को सिर के ऊपरी हिस्से में चोट लगी थी, लेकिन चोट गंभीर नहीं है. इस बात की जानकारी मरीज के परिजनों को दे दी गयी थी, बावजूद मरीज का भाई रोशन कुमार, उसकी मां निर्मला देवी व उसके पिता महादेव गुप्ता ने मिलकर मेरे साथ मारपीट की. साथ ही मरीज के परिजनों ने जान मारने की भी धमकी दी.
झासा के 19 डॉक्टरों ने दिया सामूहिक इस्तीफा
इस घटना के विरोध में झासा के डॉक्टरों ने सदर अस्पताल के सभागार में बैठक की. इसके बाद अस्पताल के 19 डॉक्टरों ने सिविल सर्जन को सामूहिक रूप से इस्तीफा सौंपा. हालांकि, उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया गया है. डॉक्टरों ने दोषी आरोपियों की गिरफ्तारी, पीसीआर वैन के पुलिसकर्मी व उपद्रव करनेवालों की बरखास्तगी, सदर अस्पताल में 24 घंटे सुरक्षाकर्मी की तैनाती व सभी डॉक्टर को शस्त्र का लाइसेंस देने की मांग की. इस्तीफा देने वाले चिकित्सकों में प्रभारी डीएस डॉ प्रभात रंजन, डॉ संजय कुमार, डॉ सिंह आलोक, डॉ कुंदन कुमार, डॉ एके अनुज, डॉ चितरंजन पंकज, डॉ रवि कुमार, डॉ रवि रंजन, डॉ प्रेम प्रकाश, डॉ केके सिंह, डॉ दीपक कुमार, डॉ आशीष, डॉ आरएस सिंह, डॉ रणविजय कुमार, डॉ तरूण कुमार, डॉ राजीव कुमार, डॉ राजीव कुमार राज, डॉ अमरीष ठाकुर और डॉ एके सिंह शामिल हैं.
घटना निंदनीय, जल्द लागू हो मेडिकल प्रोटेक्शन बिल : विधायक
वहीं, इस मामले में देवघर विधायक नारायण दास ने कहा कि सदर अस्पताल में डॉक्टरों के साथ मरीज के परिजनों ने जो मारपीट की घटना की है और पुलिस वालों ने भी डॉक्टरों पर हाथ उठाया, यह घटना निंदनीय है. इसकी पूरी जांच होनी चाहिए और मामले में जो भी दोषी हैं चाहे वह आम लोग हों या पुलिस के लोग, कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. इस तरह घटनाएं लगातार हो रही है. झारखंड सरकार से मांग है कि जितनी जल्दी हो मेडिकल प्रोटेक्शन बिल को लागू किया जाये. इस एक्ट को चार वर्ष पूर्व ही रघुवर सरकार ने कैबिनेट से स्वीकृति दे दी थी. इस एक्ट में झारखंड चिकित्सा सेवा से संबंद्ध व्यक्तियों, चिकित्सकों, सेवा संस्थानों (हिंसा और संपत्ति नुकसान निवारण) को शामिल किया गया था.
Posted By: Samir Ranjan.