सदर अस्पताल के ओपीडी से डॉक्टर गायब, बाहर इंतजार करते रहे मरीज
चिकित्सकों व पारा मेडिकल कर्मियों को बायोमैट्रिक पद्धति से हाजिरी बनाने का निर्देश तो दे दिया गया, पर समय निर्धारित नहीं किया गया है. बुधवार को डॉक्टर के समय पर नहीं आने से मरीजों को परेशानी हुई.
देवघर.
चिकित्सकों व पारा मेडिकल कर्मियों को बायोमैट्रिक पद्धति से हाजिरी बनाने का निर्देश तो दे दिया गया, पर समय निर्धारित नहीं किया गया है. इसका फायदा उठाकर कुछ चिकित्सक ओपीडी के समय सदर अस्पताल आते ही नहीं हैं और कई ऐसे भी हैं जो केवल अपनी उपस्थिति दर्ज कराने पहुंचते हैं. ओपीडी में पांच मिनट बैठ कर अपने क्लिनिक चले जाते हैं. पहले से प्रतिनियुक्त लगभग सभी चिकित्सक सदर अस्पताल के ओपीडी में कभी भी समय पर नहीं नहीं आते हैं. 29 अप्रैल को भी सरकार के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर सभी मेडिकल कॉलेज समेत सभी सिविल सर्जन को निर्देश देकर चिकित्सा व पारा मेडिकल कर्मियों से बायोमैट्रिक पद्धति से उपस्थिति बनाने के लिए कहा है, लेकिन समय को नहीं दर्शाया गया है.महिला ओपीडी में 10:30 बजे तक नहीं पहुंची थी महिला चिकित्सक तो सर्जरी और हड्डी रोग विशेषज्ञ भी 10:20 के बाद पहुंचे
सदर अस्पताल का ओपीडी टाइम समय सुबह नौ बजे है. लेकिन, चिकित्सक 10:25 के बाद ही अस्पताल आते हैं. बुधवार को मेडिसिन ओपीडी में डॉ पीएन दर्वे की और चाइल्ड ओपीडी में डॉ मनीषा सिंह की ड्यूटी थी. ये दोनों चिकित्सक दोनों समय पर 09 बजे तक सदर अस्पताल पहुंच गये थे. वहीं, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ अमरीष ठाकुर 10:25 बजे सदर अस्पताल पहुंचे. सर्जन चिकित्सक डॉ चितरंजन पंकज सुबह 10:20 बजे सदर अस्पताल पहुंचे. इसके बाद 10:30 बजे तक महिला ओपीडी, इएनटी और दंत चिकित्सक आये ही नहीं थे. मरीज सुबह नौ बजे से अस्पताल में इलाज के लिए लाइन लगाकर खड़े रहे, पर चिकित्सक नहीं थे. सर्जरी ओपीडी में स्टोन के मरीज दर्द से कराहते हुए फर्श पर चिकित्सक के इंतजार में बैठे हुए थे. महिला ओपीडी में दर्जनों गर्भवतियों को महिला चिकित्सक के इंतजार में खड़ा रहना पड़ा.
क्लिनिक में मरीजों को देखने के बाद सदर अस्पताल आते हैं चिकित्सक
सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्त देवघर के लगभग सभी चिकित्सक सदर अस्पताल के ओपीडी के निर्धारित समय पर नहीं पहुंचते है. हाल के दिनाें में प्रतिनियुक्त चिकित्सक समय का पालन करते हुए पहुंच रहे हैं. पूर्व से सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्त चिकित्सक हर दिन अपने क्निलिक के कार्य को पूरा करने के बाद, सदर अस्पताल ड्यूटी के लिए आते हैं. इसमें मुख्य कारण भी बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराना होता है.
मरीजों ने बतायी अपनी पीड़ा
सुबह के नौ बजे से इलाज के लिए आयी हुई हूं. लेकिन महिला चिकित्सक अबभी तक नहीं पहुंचे है. विलंब हो जाने के कारण लंबी कतार अस्पताल में लगा जाता है. इस कारण सुबह 09 बजे से 10:30 बजे तक आकर लाइन में खड़ी हूं. लेकिन डॉक्टर का कोई पता नहीं है.इशरत बीबी, देवघर
डॉक्टर विलंब से हमेशा आती हैं, इस कारण लेट से इलाज भी करती है, और यदि कोई जांच लिए देते हैं, तो जांच कराने में भी लेट हो जाता है. इस कारण उसी दिन चिकित्सक से फिर दिखा भी नहीं पाते है. डॉक्टर से आने को लेकर पूछने पर कुछ बताया भी नहीं जाता है.रजीया बीबी, देवघर
हाथ में लगने से काफी दर्द है, दिखाने के सदर अस्पताल आये हैं, लेकिन डॉक्टर ही नहीं है. करीब एक घंटे ये खड़ा है. लेकिन डॉक्टर के आने को अबतक कोई जानकारी नहीं है. पुछने पर कुछ भी नहीं बताया जाता है.मंजीत कुमार, बरमसिया
स्टोन के दर्द से परेशान हूं. डॉक्टर से दिखाने के लिए आये हैं लेकिन एक घंटे से ऊपर बीत चुका है, लेकिन सर्जन डॉक्टर अबतक नहीं पहुंचे हैं. दर्द इतना है कि खड़े भी नहीं रह पा रहे हैं. एक घंटे से नीचे बैठ कर इंतजार कर रहे हैं.दशरथ यादव, सोनाराठाड़ी
सुबह 09 बजे आये थे, लेकिन 10:20 बजे तक चिकित्सक नहीं आने के कारण लौट कर जा रहे हैं. पेट के नीचे काफी दर्द हो रहा था. अब निजी क्लिनिक में दिखाने जा रहे हैं. गरीब असहाय लोगों के लिए अस्पताल में इलाज भी संभव नहीं है.रमेश कुमार, बरीयारबांधी, देवघर
क्या कहते हैं पदाधिकारी
मामले की जानकारी मिली है. इसकी जांच कर कार्यवाही की जायेगी. पहले भी समय पर आने का निर्देश दिया गया था. इसके बाद भी यदि कोई चिकित्सक व कर्मी समय पर नहीं आते हैं, तो कार्यवाही की जायेगी.डॉ रंजन सिंहा, सिविल सर्जन, देवघर
* सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
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बायोमेट्रिक से हाजिरी बनाने का निर्देश पर समय का उल्लेख नहीं
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कुछ चिकित्सक रहते हैं गायब तो कई आते हैं केवल हाजिरी बनाने
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सरकारी अस्पतालों में सेवाएं देने की जगह अपनी क्लिनिक चलाने पर ध्यानB
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