Jharkhand News: नगर निगम के कर्मचारियों की हड़ताल से देवघर में साफ सफाई ठप, बदबू से लोग परेशान

झारखंड लोकल बॉडीज इंप्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर नगर निगम के सफाई कर्मियों का छठे दिन अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहा. हड़ताल की वजह से शहर में कूड़ा कचरा उठाव प्रभावित रहा.

By Prabhat Khabar News Desk | September 26, 2022 1:23 PM
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देवघर: झारखंड लोकल बॉडीज इंप्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर नगर निगम के सफाई कर्मियों का छठे दिन अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहा. हड़ताल की वजह से शहर में कूड़ा कचरा उठाव प्रभावित रहा. वहीं डोर टू डोर कचरा उठाव व्यवस्था ठप पड़ा है.

एजेंसी के सफाई कर्मचारी नियमित रूप से कूड़ा उठाव करने में सक्षम साबित नहीं हो रहे हैं. सार्वजनिक स्थल हो या गली-मुहल्ला सभी जगहों पर गंदगी व कचरा फैला हुआ है. सड़ांध व बदबू की वजह से लोगों की परेशानी हर रोज बढ़ती ही जा रही है. लोगों को आशंका है कि गंदगी की वजह से महामारी फैल जायेगी.

हड़ताल के छठे दिन सफाई एजेंसी के द्वारा पहली बार सब्जी मंडी के समीप जेसीबी लगाकर कूड़े का उठाव किया गया. सब्जी मंडी से निकलने वाले कचरे की वजह से सड़क पूरी तरह से जाम हो गया था. लोग व वाहन कचरा की ढेर पर से गुजरता था. जिससे स्थानीय लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गयी थी.

नवरात्र में भी कचरे सड़ांध से नहीं मिलेगी निजात

सोमवार से नवरात्र शुरू हो रहा है. मां दुर्गा की पूजा के लिए शहरवासी तैयारी में जुटे हैं, लेकिन जगह-जगह कचरा व लोगों के घरों से कचरे का उठाव नहीं होने से परेशानी बढ़ गयी है. निगम के सफाई कर्मियों के बेमियादी हड़ताल पर चले जाने से यह समस्या हो रही है. निगम द्वारा एजेंसी के सफाई कर्मियों को वैकल्पिक व्यवस्था बताया था तथा देवघर के वार्ड क्षेत्रों में नियमित साफ-सफाई के साथ कूड़ा कचरा का उठाव किया जायेगा. लोगों के घरों से भी डोर टू डोर कूड़ा कचरा उठाया जायेगा, लेकिन बेमियादी हड़ताल के छठा दिन बीत जाने के बाद भी हालात जस की तस बनी हुई है.

कचरा में लगाया जा रहा है आग, धुआं से परेशानी

नगर निगम के सफाई कर्मियों की हड़ताल पर चले जाने की वजह से कूड़ा कचरा का ढेर जगह जगह आम हो गया है. घरों के लोग भी परेशान हो गये हैं. कूड़ा कचरा से निजात पाने के लिए लोगों ने अब कचरा में ही आग लगाना शुरू कर दिया है. ताकि कचरा कम हो जाये. लेकिन, कूड़ा कचरा निबटारे के चक्कर में लोगों प्रदूषित धुआं के शिकार हो रहे हैं. यह हाल न सिर्फ सार्वजनिक जगह की है. बल्कि गलियों व कई मुहल्लों में भी देखा जा सकता है.

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