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Deoghar News : डिजिटल अरेस्ट के झांसे में आयी महिला इंजीनियर, समय रहते पहुंचे परिजन, तो ठगी से बची

साइबर अपराधी लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने का झांसा देकर लगातार ठगी का शिकार बना रहे हैं. ऐसा ही मामला फिर एक बार आया है. इस बार साइबर ठगों ने एक महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर को झांसे में लिया और ठगने का प्रयास किया. इस दौरान परिजन पहुंच गये, तो उक्त महिला ठगी से बच गयी.

वरीय संवाददाता, देवघर : साइबर अपराधी लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने का झांसा देकर लगातार ठगी का शिकार बना रहे हैं. ऐसा ही मामला फिर एक बार आया है. इस बार साइबर ठगों ने एक महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर को झांसे में लिया और ठगने का प्रयास किया. इस दौरान परिजन पहुंच गये, तो उक्त महिला ठगी से बच गयी. जानकारी के अनुसार, वर्क फ्रॉम होम में कार्य कर रही कुंडा थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर को मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी के नाम से सुबह-सुबह एक कॉल आया. उक्त महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर से कहा गया कि उनके एकाउंट से करोड़ों का ट्रांजेक्शन कर लिया गया है. इस आरोप में उसे डिजिटल अरेस्ट किया जाता है. महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर से आरोपित ने वीडियो कॉल ऑन करवाते हुए किसी से यह जानकारी शेयर करने नहीं करने को कहा. साथ ही वीडियो कॉल में ही बने रहने को कहा. इससे उक्त महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर काफी डर गयी और अपने कमरे का दरवाजा बंद कर ली. इसके बाद धीरे-धीरे आरोपित मोबाइलधारक उससे उसके एकाउंट की जानकारी लेने के बाद पारिवारिक बायोडाटा पूछने लगा. इस दौरान परिवार के लोगों का भी एकाउंट संबंधी जानकारी मांगने लगा. इस क्रम में महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपने पारिवारिक वाट्सअप ग्रुप में सिर्फ इतनी जानकारी दे दी, कि उससे अभी कोई कॉल नहीं करेगा. इस मैसेज को देकर बाहर गये उसके एक परिजन ने घर में कॉल किया और परिवार के दूसरे सदस्य से वाट्सअप ग्रुप पर दिये गये मैसेज का कारण पूछा, जिस पर उसने अनभिज्ञता जतायी. इसके बाद उक्त महिला के कमरे में जाकर पता करने कहा गया. जब परिजन कमरे में गया, तो उसका वीडियो कॉल खुला देखा. साथ ही उसके चेहरे पर परेशानी झलक रही थी और उसका आधार कार्ड, एटीएम, पासबुक आदि बिस्तर पर पड़ा देखा. यह देख उसे सारा माजरा समझ में आ गया. उसके मोबाइल पर चालू वीडियो कॉल को डिस्कनेक्ट कराकर नंबर ब्लॉक कराया और बताया कि उससे ठगी का प्रयास ही किया जा रहा था. इसके बाद परिजनों की सतर्कता के कारण उक्त महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर डिजिटल अरेस्ट के झांसे में फंसकर ठगी के शिकार होने से बच गयी.

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