गंगा से पूरे संताल परगना को जोड़ा जाये तभी लोगों को मिल सकेगा शुद्ध पेयजल, लोकसभा में बोले निशिकांत दुबे
राज्य सरकार के उत्तर चौंकाने वाले हैं. संताल परगना में पानी की गुणवत्ता बहुत खराब है. रिपोर्ट में पानी में काफी गंदगी मिली है. जल जीवन मिशन से जो योजनाएं संताल परगना में चल रही हैं, उसके तहत गंगा से पानी इस इलाके में नहीं जायेगा. अगर गंगा से जलापूर्ति नहीं हुई, तो सारी योजनाएं बेकार हो जायेंगी.
Deoghar News: लोकसभा में गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने संताल परगना के हर जिले में शुद्ध पेयजल जलापूर्ति के लिए गंगा नदी से जल जीवन मिशन को जोड़ने का मुद्दा उठाया. सांसद डॉ दुबे ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत गंगा से पानी जब तक देवघर सहित अन्य जिलों पहुंचेगा, तब तक शुद्ध पेयजलापूर्ति में सफलता नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि संताल परगना की नदियां भी सूख चुकी हैं. यहां जल स्रोत बिल्कुल नहीं है. इन इलाकों में जल प्रदूषित है. इस कारण डायरिया, कालाजार और लीवर जैसी बीमारियों की चपेट में लोग आ रहे हैं. जल की शुद्धता की जांच की कोई व्यवस्था नहीं है.
हाल के दिनों में केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री विशेश्वर टूडु ने देवघर गये थे. वहां जल प्रदूषण जांच केंद्र बंद मिला था. राज्य सरकार प्रदूषित जल की जांच में कोई रुचि नहीं दिखती है. कोरोना काल में कई जल प्रदूषण जांच केंद्र खुले थे. लेकिन वह कोरोना काल में ही बंद हो गये. केंद्र सरकार को एक कमेटी बनाकर इसकी जांच करानी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के माध्यम से सदन में जो प्रश्न का उत्तर मिला है, वह काफी चौंकाने वाला है. संताल परना में पानी की गुणवत्ता बहुत ही खराब है. जांच रिपोर्ट में पानी में काफी गंदगी पायी गयी है. जल जीवन मिशन से जो योजनाएं संताल परगना में चल रही हैं, उसके तहत गंगा से पानी इस इलाके में नहीं जायेगा. अगर गंगा से जलापूर्ति नहीं होगी, तो सारी योजनाएं बेकार हो जायेंगी.
सांसद डॉ दुबे ने कहा कि गंगा सफाई अभियान को लेकर उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को कई बार पत्र लिखा है. भारत सरकार पहले से ही गंगा सफाई में काफी बेहतर काम कर रही है. राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत गंगा की सफाई में और तेजी लानी चाहिए. सांसद ने कहा : संताल परगना की कई प्रदूषित नदियां गंगा में मिल रही हैं. इसमें कझिया, डढ़वा, हरणा, गेरुआ नदी शामिल हैं. राष्ट्रीय नदी जल संरक्षण योजना के तहत इन नदियों को डेवलप करते हुए गंगा में प्रदूषित जल को जाने से रोका जाये.
कझिया, डढ़वा, हरणा, गेरुआ नदी का होगा विकास
सांसद डॉ दुबे के प्रश्न पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने पत्र लिखकर कई बार इन समस्याओं से अवगत कराया है. नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत कझिया, डढ़वा, हरणा, गेरुआ नदी को पूरी तरह विकसित किया जायेगा. इन नदियों के सौंदर्यीकरण में केंद्र सरकार नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत राशि खर्च करेगी. कझिया व डढ़वा नदी में रिवरफ्रंट का डीपीआर बनाने के लिए जल्द ही देवघर और गोड्डा में जल शक्ति मंत्रालय की टीम जायेगी. इन नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाया जायेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदूषित पेयजल के विषय में राज्य सरकार से अवगत कराया गया है. झारखंड सहित पूरे देश में प्रदूषित जल के विषय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही पेयजल की गुणवत्ता पर ध्यान देने की बात कही थी. जल जीवन मिशन के तहत जब काम पूरा हो जाएगा, तो झारखंड में भी शुद्ध पीने का पानी लोगों को मिलेगा. इसके बावजूद जहां प्रदूषित पानी है, वहां राज्य सरकारों को सामुदायिक स्तर पर एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध करने को कहा गया है.
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