देवघर : हर माह ट्रेन की चपेट में आकर सात लोगों ने गंवायी जान, 87 लोग ट्रेन की चपेट में आकर मरे
देवघर अनुमंडल के अंतर्गत देवघर, मोहनपुर, जसीडीह, जसीडीह रेल थाना, देवीपुर, सारवां, सोनारायठाढ़ी, कुंडा, महिला थाना देवघर, बाबा मंदिर थाना देवघर मुख्य रूप से है और इन थाना क्षेत्रों के परिक्षेत्र में हुई घटनाओं को लेकर यूडी केस यानि अननेचुरल डेथ के मामले दर्ज हुए हैं.
देवघर जिले के देवघर अनुमंडल के विभिन्न थाना क्षेत्रों हुई अप्राकृतिक मौत व ट्रेन से कटकर मौत का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 यानि 12 माह में अप्राकृतिक मौतों का ग्राफ 245 तक पहुंच गया है. प्रतिमाह औसतन देखा जाये, तो 20 से 22 लोगों की मौत हो रही है. अप्राकृतिक मौत के संदर्भ में अक्सर यूडी केस थाना में दर्ज किया जाता है और अनुमंडल दंडाधिकारी की अदालत में भेज दिया जाता है. यूडी केस के अनुसंधान में अगर किसी भी व्यक्ति की ओर से साजिश के तहत अपराध करने का खुलासा होता है, तो यूडी केस हत्या के केस में परिणत हो जाता है. पश्चात संबंधित न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में भेज दिया जाता है और आइओ की ओर से चार्जशीट दाखिल के बाद केस का सेशन ट्रायल आरंभ होता है, जिसमें सजा व जुर्माना का प्रावधान है. अप्राकृतिक मौत के दायरे में ट्रेन से कटने, वाहन से चलाते समय खुद एक्सीडेंट करने, आत्महत्या कर लेने, जहरीला पदार्थ खाने, वज्रपात से मौत, पेड़ की डाली गिरने से मौत, सांप के डसने से हुई मौत, गंभीर बीमारी से मौत आदि शामिल हैं.
वर्ष 2023 में जिले में अप्राकृतिक मौतों की संख्या 245 तक पहुंची
देवघर अनुमंडल के अंतर्गत देवघर, मोहनपुर, जसीडीह, जसीडीह रेल थाना, देवीपुर, सारवां, सोनारायठाढ़ी, कुंडा, महिला थाना देवघर, बाबा मंदिर थाना देवघर मुख्य रूप से है और इन थाना क्षेत्रों के परिक्षेत्र में हुई घटनाओं को लेकर यूडी केस यानि अननेचुरल डेथ के मामले दर्ज हुए हैं. यूडी केस दर्ज होने के बाद पुलिस अनुसंधान कर अंतिम प्रतिवेदन एसडीएम कोर्ट में भेज देती है और मामले का पटाक्षेप हो जाता है. ट्रेन की चपेट में आने से सर्वाधिक मौतें 12 माह में हुई हैं. जब से रेल मार्ग का जाल जिले में फैला है, ट्रेन की चपेट में आने या रेलवे ट्रैक पर जान देने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. आंकड़ों पर गौर करने से स्पष्ट होता है कि आत्महत्या के मामलों में भी अधिक इजाफा हुआ है. दुर्घटना के मामलों में जो बाइक चलाते समय गड्ढे में गिर जाते हैं या पेड़ से टकरा जाते हैं, इसका भी ग्राफ तेजी से बढ़ा है. सबसे कम मामले पेड़ की डाली गिरने से हुई लोगों की मौत को लेकर दर्ज हुआ है. अधिकांश यूडी केस में अंतिम प्रपत्र दाखिल कर दिया गया है, लेकिन कई मामले में पुलिस अनुसंधान जारी रखी है.
Also Read: देवघर सांसद निशिकांत दुबे ने हरी झंडी दिखाकर पाटलिपुत्र एक्सप्रेस को मथुरापुर स्टेशन से रवाना किया