जयंती पर याद की गयी उर्दू लेखिका कुर्तुल ऐन हैदर
मधुपुर के भेड़वा नावाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में प्रसिद्ध उर्दू लेखिका कुर्तुल ऐन हैदर की जयंती व स्वतंत्रता सेनानी खान अब्दुल गफ्फार खान की स्मृति दिवस पर उन्हें याद किया गया
मधुपुर. शहर के भेड़वा नावाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में प्रसिद्ध उर्दू लेखिका कुर्तुल ऐन हैदर की जयंती व स्वतंत्रता सेनानी खान अब्दुल गफ्फार खान की स्मृति दिवस पर उन्हें याद किया गया. इस अवसर पर लोगों ने दोनों विभूतियों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. इस अवसर पर धनंजय प्रसाद ने कहा कि कुर्तुल ऐन हैदर उर्दू अदब की मशहूर लेखिका व उपन्यासकार थी. वो स्वतंत्र विचार की लेखिका थी. उनकी पहली कहानी साकी रिसाला में सारा होने के बाद उन्हें काफी लोकप्रियता मिली, तब से लगातार अपने जीवनानुभूति अनुभव, कल्पना व चिंतन से लिखती रही. उन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण, साहित्य अकादमी, ज्ञानपीठ, सोवियत रूस नेहरू सम्मान, इंकलाब सम्मान आदि से सम्मानित किया गया. कहा कि खान अब्दुल गफ्फार खान स्वतंत्रता सेनानी व भारतरत्न थे. उन्होंने गांधी जी के साथ मिलकर सत्याग्रह में भाग लिया व जेल भी गये. उन्होंने देश की आजादी के लिए खुद को समर्पित कर दिया. वे देश के विभाजन के सख्त विरोधी थे. भला ऐसे विभूतियों को कैसे बिसराया जा सकता है. उन्हें याद करना लाजिमी है. अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
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