खेतों में पाइपलाइन बिछाने के लिए कर दिये गये गड्ढे, किसानों का कृषि कार्य हो रहा बाधित
करौं क्षेत्र में मेगा सिंचाई परियोजना को लेकर पाइपलाइन बिछाने के लिए खेतो में किये गये गडढ़ों को नहीं भरने से किसानों को परेशानी होने रही है. मॉनसून अब आने वाला है और किसान खेती को लेकर चिंतित है.
करौं . अजय बराज परियोजना सिकटिया में करोड़ों रुपये की लागत से बन रहे मेगा सिंचाई परियोजना से करौं, सारठ व जामताड़ा जिले के करमाटांड प्रखंड के गांवों में किसानों के लिए बिछायी गयी सिंचाई पाइपलाइन के कार्य के दौरान खेतों में गड्ढा खोदकर छोड़ देने से किसानों के सामने खेती की समस्या उत्पन्न हो गयी है, जिससे प्रखंड के किसानों में संवेदक के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है, जो कभी भी जन आंदोलन का रूप ले सकता है. बताया कि जिंदल कंपनी द्वारा करौं प्रखंड क्षेत्र के गांव में पाइपलाइन बिछाने का काम चल रहा है, जिसके तहत फरवरी माह में ही प्रखंड के कई गांवों में पाइपलाइन बिछाने के लिए गड्ढा खोदा गया है. लेकिन गड्ढा करने के चार माह बीत जाने के बाद भी गड्ढे में मिट्टी नहीं डालने से किसानों को खेती करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खेती का कार्य प्रारंभ हो गया है, धान का बिचड़ा डालने की तैयारी में है. किसानों का कहना है कि खेत में गड्ढा करके पाइप डालकर छोड़ दिया गया है. चार महीना गुजर जाने के बाद भी संवेदक द्वारा लोगों के खेतों में किये गये गड्ढों में मिट्टी नहीं डाली गयी है और गड्ढ़ो को छोड़ दिया गया है. किसानों का कहना है कि खेती का समय आ गया है और लोग अपने खेतों में धान का बीज कैसे डालेंगे. किसान विष्णु चौधरी, मुरारी चौधरी, प्रभु रवानी, शैलेंद्र मरांडी, सुबल मंडल समेत दर्जनों किसानों ने जिले के उपायुक्त से त्वरित कार्रवाई करते हुए किसानों के खेतों से मिट्टी हटवाने की मांग की है.
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