देवघर : बाबा बैद्यनाथ ने मेरी पुकार सुन ली है. वे औघड़दानी हैं, दिल से की गयी कामना को वे जरूर सुनते हैं. मैं तो उनका अनन्य भक्त हूं. अब तो कामनालिंग से यही कामना है कि बेटा तिहरा शतक लगा दे, तो बाबा बैद्यनाथ के दरबार में जलार्पण करने व मत्था टेकने पहुंचे. यह बातें क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल के पिता भूपेंद्र जायसवाल ने प्रभात खबर से खास बातचीत में कही. यशस्वी ने विशाखापत्तनम में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में दोहरा शतक जड़कर इतिहास रच दिया. यशस्वी ने 19 चौके और सात छक्कों की मदद से 209 रन बनाये. यशस्वी का दोहरा शतक पूरा होते ही उनके गृहनगर भदोही (यूपी) के सुरियावां में जमकर जश्न मनाया गया. टीवी पर यह नजारा देख उनके पिता की खुशी का ठिकाना नहीं था, उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि बाबा बैद्यनाथ इतनी जल्दी उनकी मुराद पूरी कर देंगे. उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 2023 जुलाई महीने में यशस्वी जायसवाल ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पहले टेस्ट मैच में शतक जड़ा था, इसके तुरंत बाद उनके पिता भूपेंद्र जायसवाल देवघर में बाबा बैद्यनाथ मंदिर में जलार्पण के लिए अपने घर से कांवड़ यात्रा पूरी कर देवघर के लिए रवाना हो गये थे. बाबा बैद्यनाथ पर उन्होंने जल चढ़ाकर बेटे के दोहरे टेस्ट शतक की मन्नत मांगी थी.
बीते रोज इंग्लैंड के खिलाफ विशाखापत्तनम टेस्ट के पहले दिन यशस्वी जायसवाल जब 179 रन पर नाबाद लौटे थे. उनके पिता भूपेंद्र जायसवाल ने दूसरे दिन का खेल अपनी पेंट की दुकान में मोबाइल पर देखा. यशस्वी के पिता भूपेंद्र जायसवाल ने बताया कि शुक्रवार को यशस्वी से उनकी बातचीत हुई थी, तब वह पिच पर जम रहे थे. उन्होंने यशस्वी को संभलकर खेलने की हिदायत दी थी, जिसके बाद यशस्वी पिच पर टिक कर खेले. उन्होंने कहा कि यशस्वी इसी तरह रन बनाते रहें, टीम को जिताते रहें, इससे बड़ी खुशी उनके लिए कुछ नहीं हो सकती. वह चाहते हैं कि बेटा जल्द ही तिहरा टेस्ट शतक भी बनाये. फिलहाल तीन टेस्ट मैच शेष है. वो स्वस्थ रहे व सभी मैच खेलकर उनके सपने को पूरा करे.
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