देवघर : मल कीचड़ से तैयार होगा खाद, रिसाइकिल वाटर का भी होगा उपयोग
इस प्लांट के बन जाने से देवघर नगर निगम के 40 हजार से ज्यादा घरों से निकलने वाला गंदा पानी का वैज्ञानिक विधि से रिसाइकिल कर पुन: उपयोगी बनाया जायेगा. 39.41 करोड़ रुपये की सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट में नौ करोड़ रुपये ट्रीटमेंट प्लांट के प्लेटफार्म निर्माण पर खर्च किया गया है.
देवघर नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा देवघर के पछियारी कोठिया में स्थित सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कराया गया है. इसका उद्घाटन 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे. सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट में घरों से शौचालय में इस्तेमाल किये गये पानी को रिसाइकिल कर फिर से उपयोगी बनाया जायेगा. शहरों के सेप्टिक टैंकों में जमा सेप्टेज व्हीकल माउंटेड सुपर सकर या वैक्यूम मशीन के माध्यम से संग्रहित किया जायेगा. उसे सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट तक लाकर दो चरणों में एमबीबीआर तकनीक से ट्रीट किया जायेगा. पहले चरण में स्लेग ट्रीटमेंट व दूसरे चरण में सुपरनेटेंट ट्रीटमेंट किया जायेगा. इससे सेप्टेज में मौजूद हानिकारक तत्व अप्रभावी हो जायेंगे. ट्रीटेड वेस्ट वाटर को कई प्रकार से इस्तेमाल किया जा सकेगा. बागवानी, वाहन धुलाई, निर्माण कार्य आदि में फिर से ट्रीट किये गये जल को उपयोग में लाया जा सकेगा. सेप्टेज के शेष बचे हुए ठोस पदार्थ को कंपोस्ट में बदल कर कृषि कार्य के लिए उपयोग किया जायेगा.
39.41 करोड़ की लागत से बनाया गया है सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट
देवघर में सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट परियोजना के लिए 39.41 करोड़ की लागत से बनाया गया है. सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम बीटीएल इपीसी लिमिटेड को चार मई 2018 में सौंपा गया था, जिसे चार मई 2019 तक पूरा करने का करार था. हालांकि इसे पूरा करने में काफी वक्त लग गया. इस प्लांट के बन जाने से देवघर नगर निगम के 40 हजार से ज्यादा घरों से निकलने वाला गंदा पानी का वैज्ञानिक विधि से रिसाइकिल कर पुन: उपयोगी बनाया जायेगा. 39.41 करोड़ रुपये की सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट में नौ करोड़ रुपये ट्रीटमेंट प्लांट के प्लेटफार्म निर्माण पर खर्च किया गया है. शेष 30 करोड़ रुपये में नौ साल तक ऑपरेशन और मेंटेनेंस का काम करना है.
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