देवघर : डीजीपी से शिकायत के बाद 24 महीने के बाद दर्ज हुई प्राथमिकी
18 मार्च 2022 को सड़क दुर्घटना में गोविंदा ठाकुर घायल हुआ था. इलाज के दौरान 21 मार्च को रिम्स में मौत हुई थी.
सारठ प्रखंड क्षेत्र के कई महकमे अपनी अनोखी कार्यशैली के लिए पहले से चर्चित रहे हैं. इस कड़ी में सारठ पुलिस की लापरवाही के कारण एक पीड़ित की शिकायत पर डीजीपी के संज्ञान लेने और एसपी के तत्काल कार्रवाई करने का आदेश देने पर ही मामले में केस दर्ज हो पाया है. पीड़ित पिता ने बताया कि सारठ पुलिस की लापरवाह कार्यशैली के कारण उसके बेटे की मौत के बाद मुआवजा लेने के यूडी केस दर्ज कराने में काफी परेशानी हुई. पिता ने बताया कि बेटे के सड़क दुर्घटना में घायल होने और इलाज के दौरान रांची में मौत होने पर उन्हें मुआवजा को लेकर यूडी केस दर्ज कराने के लिए सारठ थाने का कई साल तक चक्कर लगाना पड़ा. गौरतलब है कि सारठ थाना अंतर्गत दलदली गांव का 30 वर्षीय गोविंदा ठाकुर 18 मार्च 2022 को सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था , जिसके बाद सारठ सीएचसी ने उसे देवघर सदर रेफर कर दिया, जहा से गोंविदा की गंभीर अवस्था को देखते हुए रिम्स रांची रेफर कर दिया गया था, जहां इलाज के दौरान 21 मार्च 2022 को घायल गोविंदा की मौत हो गयी. वहीं 22 मार्च 2022 को बरियातू थाना (कैंप रिम्स ) के एएसआइ अरविंद कुमार सिंह ने मृतक गोविंदा ठाकुर के पिता बद्री ठाकुर का फर्द बयान लिया, जिसके बाद मृतक के पिता को फर्द बयान की कॉपी उपलब्ध करा दी. बाद में उसके पिता ने शव का अपने गांव दलदली में अंतिम संस्कार किया.
मुआवजा का आवेदन देने पर एफआईआर की कॉपी की हुई थी मांग फ़ोटो-बद्री ठाकुरमृतक के पिता बद्री ठाकुर ने बताया कि सड़क दुर्घटना में बेटे की मौत होने के बाद अंचल कार्यालय में मुआवजे को लेकर आवेदन दिया, जहा एफआइआर की कॉपी की मांग की गयी, जिसके बाद सारठ थाने में पूछताछ की, तो थाना प्रभारी ने बताया कि रिम्स थाना से फर्द बयान की कॉपी नहीं आयी है, जिसके बाद बरियातू रिम्स थाना से पता करने पर मालूम चला कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट संख्या 721/22 व फर्द बयान की कॉपी सारठ थाने भेज दी गयी है. वहीं सारठ पुलिस को बताया लेकिन ध्यान नहीं दिया. मामले को लेकर पत्रकार एम के सिन्हा ने डीजीपी झारखंड को 23 सितंबर 2023 को मेल कर घटना की प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की, जिसके बाद डीजीपी ने देवघर एसपी को 14 अगस्त 2023 को जांच के लिए मेल भेजा. इसके बाद एसपी ने 15 जनवरी 24 को सारठ थाना प्रभारी को मामले को जांच के साथ कार्यवाही करने का आदेश दिया. बावजूद सारठ थाना प्रभारी के स्तर से मामले में कुछ नहीं किया गया. इसके बाद फिर एसपी ने एक सप्ताह पहले सारठ एसडीपीओ को जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया. वहीं एसडीपीओ ने सारठ थाना प्रभारी को मामले पर कार्रवाई करने का निर्देश देकर रिपोर्ट की मांग की, जिसके बाद 22 फरवरी 2024 को एसडीपीओ ने थाना प्रभारी से मामले में रिपोर्ट मांगी, जिसके बाद शनिवार को सारठ थाना प्रभारी सूरज कुमार ने घटना को लेकर यूडी कांड संख्या 03/2024 दर्ज कर जेएसएस विशंभर विश्वकर्मा को अनुसंधान का जिम्मा सौंपा.