पहले बनाये टीबी मुक्त पंचायत, तभी अभियान होगा सफल
टीबी मुक्त भारत बनाने से पहले टीबी मुक्त पंचायत बनाना है. इसके लिए घर- घर जा कर लक्षण वाले टीबी मरीजों की खोज करें और इलाज करायें.
स्टेट की दो सदस्यीय टीम ने की बैठक व एसीएफ अभियान की जांच संवाददाता, देवघर वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में सक्रिय यक्ष्मा रोगी खोज (एसीएफ) अभियान चलाया जा रहा है. इसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर- घर जाकर संभावित टीबी मरीजों की खोज लक्षण के अनुसार कर रही है. साथ ही संभावित रोगियों की टीबी की जांच की जा रही है. जिले में संचालित एसीएफ अभियान की जांच को लेकर स्टेट की दो सदस्यीय टीम देवघर पहुंची. टीम में स्टेट आइइसी ऑफिसर प्राण रंजन मिश्रा और स्टेट पीपीएम को-ऑर्डिनेटर दामोदर कुमार थे. यह टीम तीन दिनों तक टीबी मुक्त अभियान के तहत संचालित कार्यक्रम नये टीबी मरीजों की खोज अभियान की जांच करेगी. गुरुवार को टीम के सदस्यों ने मोहनपुर और सारवां सीएचसी अंतर्गत स्वास्थ्य केंद्र में अभियान की जांच की. साथ ही जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ जेके चौधरी के साथ जिला यक्ष्मा कार्यालय में बैठक कर जिले में संचालित कार्यक्रम की जानकारी ली. उन्होंने अभियान में तेजी लाने की बात कही. टीम के सदस्यों ने मोहनपुर सीएचसी समेत आयुष्मान आरोग्य मंदिर घोरमारा, चुल्हिया, सारवां सीएचसी समेत स्वास्थ्य केंद्र कुशमाहा अंतर्गत चल रहे टीबी खोज अभियान की जांच की. उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त भारत बनाने से पहले टीबी मुक्त पंचायत बनाना है. इसके लिए घर- घर जा कर लक्षण वाले टीबी मरीजों की खोज करें और इलाज करायें, ताकि अभियान को सफल बनाया जा सके. मौके डॉ श्याम सुंदर सिंह, डॉ बीके सिंहा, संतोष कुमार सिंह, छतिश्वर दास, निरंजन कुमार समेत अन्य थे.
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