झारखंड : देश-विदेश से देवघर पहुंच रहे आचार्यदेव बाबाई दा के अनुयायी, गुरुवार को कार्यक्रम में लेंगे हिस्सा
सत्संग के आचार्यदेव श्रीश्री बाबाई दा का 56वां जन्मदिन गुरुवार एक जून, 2023 को हर्षोल्लासपूर्वक मनाया जायेगा. इसको लेकर देश-विदेश से उनके अनुयायी देवघर पहुंच रहे हैं. सत्संग आश्रम को दुल्हन की तरह सजाया गया है. इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी होगा.
देवघर, दिनकर ज्योति : सत्संग के आचार्यदेव श्रीश्री बाबाई दा का 56वां जन्मदिन गुरुवार एक जून, 2023 को हर्षोल्लासपूर्वक मनाया जायेगा. इस अवसर पर सत्संग में कई कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. यह सुबह चार बजे से शुरू होकर रात आठ बजे संपन्न होगा. इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम, मराठी ढोल एवं कुचिपूड़ी नृत्य का आयोजन किया जायेगा. इसके लिए देश के विभिन्न प्रांतों से कलाकार आ रहे हैं. इसमें हिस्सा लेने के लिए देश- विदेश से अनुयायी देवघर पहुंच रहे हैं. इसको लेकर एक माह से तैयारी की जा रही है. सत्संग आश्रम को दुल्हन की तरह सजाया गया है.
कार्यक्रम का शेड्यूल
गुरुवार एक जून को कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह चार बजे मनमोहनी धाम से होगा. इसमें जन्म लग्न की घोषण होगी. इसके बाद सुबह 4.10 में ठाकुरबाड़ी में वेद मांग्लिक कार्यक्रम होगा. 4.30 में नहावत होगा. 4.54 में प्रार्थना होगी. इसमें सभी अनुयायी शामिल होंगे. सुबह छह बजे मराठी ढोल का आनंद ले सकेंगे. 8.25 में ठाकुर बाड़ी में नाम पाठ होगा. इसके तुरंत बाद बड़ दा बाड़ी में श्रीश्री आचार्यदेव अनुयायियों को दर्शन देंगे. सभी अनुयायी श्रीश्री आचार्यदेव के दर्शन एवं प्रणाम कर सकेंगे. सुबह नौ बजे क्लॉक टावर में संगीतांजलि होगी. इसके बाद सुबह 10.30 बजे आनंद बाजार बिल्डिंग में भंडारा शुरू होगा. सभी लोग प्रसाद ग्रहण करेंगे.
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सांस्कृतिक कार्यक्रम का होगा आयोजन
इसके बाद दिन के चार बजे मनमोहनी धाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. शाम चार बजे ही कुचिपूड़ी डांस का आयोजन होगा. शाम 6.32 में ठाकुरबाड़ी में शाम का प्रार्थना एवं सत्संग होगा. रात आठ बजे मनमोहनी धाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा. बड़ दा बाड़ी में दर्शन एवं प्रणाम कार्यक्रम होगा. आनंद बाजार में रात्रि भोजन के साथ कार्यक्रम का विधिवत समापन किया जायेगा. इसके लिए शिवानंद उर्फ राजू दा, मलय सरकार, विश्वजीत चक्रवर्ती, वेदव्यास भट्टाचार्य, प्रीतम सिंह, धृतिमान सिंह, अपार्थिव राय चक्रवर्ती, अभिनेंद्रनाथ (अविन) सहित काफी संख्या में ऋृत्विकगण तन- मन से लगे हुए हैं.