देवघर, अमरनाथ पोद्दार : कृषि विभाग के भूमि संरक्षण कार्यालय से सारठ व पालोजोरी प्रखंड में वित्तीय वर्ष 2019-20 में निजी तालाब के जीर्णोद्धार का शिलान्यास बगैर फंड आवंटन के ही कर दिया गया. इनमें पालोजोरी प्रखंड के नवाडीह, कपसा, पालोजोरी व सारठ प्रखंड के करेहिया गांव हैं. इन गांवों में शिलान्यास के बाद तालाब का जीर्णोद्धार तो शुरू हो गया, लेकिन विभाग को फंड पूरा नहीं मिलने के कारण आज तक काम अधूरा है. पालोजोरी प्रखंड के कपसा गांव में तो अधूरे तालाब में एक बूंद पानी तक नहीं है. इन चार तालाबों में अब तक 34 लाख रुपये भुगतान भी हो चुके हैं, लेकिन चार वर्षों में तालाब का काम प्राक्कलन के अनुसार नहीं हो पाया है.
विभाग के अनुसार, पालोजोरी प्रखंड के नवाडीह गांव में 10.67 लाख की योजना में 5.73 लाख, कपसा गांव में 8.82 लाख की योजना में 5.36 लाख, पालोजोरी गांव में 9.19 लाख की योजना में 6.98 लाख रुपये व सारठ प्रखंड के करेहिया गांव में 18.99 लाख की योजना में 14.85 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है. इन चार वर्षों में योजना अधूरी रहने से बारिश में मिट्टी भी इन तालाबाें भर गयी है. चार वर्षों बाद अधूरे काम को पूरा करने के लिए जब भूमि संरक्षण कार्यालय द्वारा फंड मुख्यालय से मांगा गया, तो बड़े अधिकारियों द्वारा भुगतान पर रोक लगा दी गयी. दरअसल, वित्तीय वर्ष 2019-20 में चुनाव से पहले आनन-फानन में इन तालाबों का शिलान्यास किया गया था.
प्राक्कलन के अनुसार तालाब की खुदाई पूरी नहीं होने कारण उनमें पर्याप्त पानी जमा नहीं हो रहा है. पालोजोरी प्रखंड के नवाडीह, कपसा, पालोजोरी व सारठ के करेहिया गांव में चार तालाबों का जीर्णोद्धार होना था.
देवघर के भूमि संरक्षण सर्वेक्षण पदाधिकारी संजय चौधरी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में इन तालाबों का जीर्णोद्धार मार्च से पहले शुरू किया गया था. फंड के अभाव में योजनाएं पूरी नहीं हो पायीं. मार्च में भी फंड नहीं आ पाया, जिस कारण योजना अधूरी रह गयी है. शेष राशि की डिमांड मुख्यालय से कई बार की गयी, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हुआ है. अगर फंड आयेगा, तो जांच किये बगैर भुगतान भी नहीं होगा.जितना काम हुआ है, उतना ही भुगतान होगा.
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