ICICI बैंक के 59 खातों से 1.2 करोड़ रुपये उड़ाने के मामले में जामताड़ा से 4 साइबर अपराधी गिरफ्तार
icici bank cyber fraud: रांची : झारखंड के देवघर जिला में स्थित आइसीआइसीआइ बैंक के खाताधारकों के अकाउंट से एक करोड़ रुपये उड़ाने वाले साइबर क्रिमिनल्स के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गयी है. पुलिस ने इस मामले में जामताड़ा से 4 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 8 मोबाइल फोन, 9 एटीएम कार्ड, 5 चेक बुक, 14 पासबुक और एक पासपोर्ट बरामद हुआ है.
रांची : झारखंड के देवघर जिला में स्थित आइसीआइसीआइ बैंक के खाताधारकों के अकाउंट से एक करोड़ रुपये उड़ाने वाले साइबर क्रिमिनल्स के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गयी है. पुलिस ने इस मामले में जामताड़ा से 4 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 8 मोबाइल फोन, 9 एटीएम कार्ड, 5 चेक बुक, 14 पासबुक और एक पासपोर्ट बरामद हुआ है.
मामले की जांच कर रही पुलिस ने जमताड़ा जिला के नारायणपुर थाना इलाके में छापामारी के दौरान इन 4 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया. इन लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस इसके मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. ऑनलाइन ठगी से जुड़े अपराधियों ने आइसीआइसीआइ बैंक के मुंबई, विजयवाड़ा, बड़ोदरा सहित विभिन्न राज्यों के 59 ग्राहकों के खातों से एक करोड़ रुपये से अधिक की निकासी कर ली थी.
देवघर स्थित आइसीआइसीआइ बैंक के शाखा प्रबंधक की शिकायत पर देवघर साइबर थाना की पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और महज चार दिन के भीतर 8 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया. उनके पास से साइबर अपराध में उपयोग आने वाले कई संदिग्ध सामान (29 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, 15 सिम कार्ड, 53 एटीएम कार्ड, 21 ब्लैंक एटीएम कार्ड, एक क्लोनिंग मशीन, कई पासबुक) के अलावा 1 लाख 20 हजार रुपये नकद बरामद किये.
उस वक्त देवघर के एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि इस मामले में अन्य साइबर अपराधी भी संलिप्त हैं. उनकी तलाश जारी है. एसपी ने बताया कि देवघर स्थित आइसीआइसीआइ बैंक के शाखा प्रबंधक चैतन्य कुमार ने 11 मई, 2020 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसके बाद विशेष छापेमारी दल ने महज चार दिन में बड़ी सफलता हासिल करते हुए 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
एसपी ने बताया कि साइबर अपराधियों ने देश के अलग-अलग राज्यों में बैंक के 74 कस्टमर को नो योर कस्टमर (केवाइसी) अपडेट करने का मैसेज भेजा. इसके बाद इन लोगों ने बैंक के 59 ग्राहकों से खाते से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां मांग ली और ओटीपी मंगाकर उनके खातों से 1 करोड़ 1 लाख 93 हजार 718 रुपये निकाल लिये. इस संबंध में कई राज्यों के थानों में प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है.